नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में निलंबित हुए 12 सांसदों का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी सांसद आज गांधी प्रतिमा, संसद से विजय चौक तक मार्च करेंगे।जिसके लिए संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक की। जिसमें 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर आगे के लिए प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा की गई।
शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित हुए 12 सांसदों में माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भाकपा के विनय विस्वम शामिल हैं।
सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है। डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है। सरकार ने 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है। यह लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश है। हम इसकी निंदा करते हैं और इस पर सभी विपक्षी पार्टी सहमत है।
बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था। सदन के अंदर तोड़फोड़ आसन पर पेपर फेंकने टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के इन पर आरोप थे। पूरी छानबीन के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि हम इस कदम की निंदा करते हैं।