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Monday, December 9, 2024

PM मोदी ने उत्तराखंड में 17,500 करोड़ रुपये की 23 परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड 17,500 करोड़ रुपये की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। परियोजनाओं का उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हल्द्वानी शहर के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए हम लगभग 2,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आ रहे हैं। अब हल्द्वानी में पानी, सीवरेज, सड़क, पार्किंग, स्ट्रीट लाइट सभी जगह पर अभूतपूर्व सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए तेज़ गति से विकास कार्यों पर अनेक काम करने की जरूरत पर हमने जोर दिया है। उत्तराखंड में बढ़ रहे नए हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, उत्तराखंड में बढ़ रही औद्योगिक क्षमता, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आज़ादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक करने की। पहली धारा वाले लोग आपको हमेशा विकास से वंचित रखना चाहते हैं।

उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब जनता जनार्दन इन लोगों की सच्चाई जान चुकी है, तो इन लोगों ने एक नई दुकान खोल रखी है। वो दुकान है, अफवाह फैलाने की। अफवाह बनाओ, फिर उसे प्रवाहित करो और उसी अफवाह को सच मानकर दिनरात चिल्लाते रहो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे- चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते।

PM मोदी ने कहा कि आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है।उन्होंने कहा कि जो पहले सरकार में थे उन्होंने कभी उत्तराखंड के सामर्थ्य की परवाह नहीं की, इसका परिणाम ये हुआ कि हमें न तो कभी पर्याप्त बिजली मिली, न ही किसानों के खेतों को सिंचाई मिली और देश की अधिकतर ग्रामीण आबादी को पाइप से शुद्ध पानी के अभाव में ज़िंदगी गुजारनी पड़ी।

 

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