नानपारा, बहराइच। (सरफराज अहमद) रविवार को स्टूडेन्ट्स एसोसिएषन फाॅर इस्लामिक आइडियोलाॅजी की जानिब से नगर के राहत जनता इण्टर कालेज नानपारा में विगत दिनों हुई सीरतुन्नबी क्वीज़ काम्पटीषन में हिस्सा लेने वाले छात्रों में से सर्वाधिक अंक पाने वाले छात्रो के लिए पुरूस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राहत जनता इण्टर कालेज के सेवानिवृत्त प्रवक्ता अख्तर हुसैन जी रहे तथा संचालन सैय्यद फैज़ान अब्बासी ने किया। सर्वाधिक अंक पाने वाले छात्रों में प्रथम स्थान पर मोहम्मद फाकिर, द्वितीय स्थान पर मोहम्मद रिज़वान, तथा तृतीय स्थान पर मोहम्मद अजीम खान रहे इसके अलावा प्राईज कन्सोलेषन में ग्यारह छात्र जिसमें ओसामुल हक, अजहर अय्यूब, अदनान अहमद, अयान हुसैन, समीर अहमद खां, यासिर अंसारी, जै़द खान, इबराज जै़दी, सुभान अंसारी, फहद अली व मोहम्मद अरषद को पुरस्कार व मेड्ल से नवाजा गया।
इस प्रोग्राम में अलीगढ़ से तषरीफ लाए इंजीनीयर माज़ अहमद ने जलसे को खिताब करते हुए कहा कि आज ऐसा दौर चल रहा है जहां पर लोग अपनी इस्लामी तालीम को भूले हुए है और मार्डन तालीम को तरज़ीह दे रहे जिससे यह उम्मत रोती है, मार खा रही है और पिट रही है लेकिन फिर भी इंसान गुमनाही के अंधेरे से बाहर नही आ रहा है। आज ऐसा दौर है कि इंसान समाज में बुराईयों को रोकने के बजाय बुराईयों को और बढ़ावा दे रहे है। मौलाना मिन्हाजुल इस्लाम ने कहा तरबियत किसे कहते है इस पर बयान करते हुए बोले कि मिषाल के तौर पर गुस्सा है, नफरत है, मोहब्बत है, ख्वाहिस है यह सब इंसानी फितरत है जिससे आप छुटकारा नही पा सकते आप इंसान है तो आपको गुस्सा आयेगा ही यह लाज़मी है, आप इंसान है तो आपको किसी से मोहब्बत होगी जरूर, आप इंसान है तो आप झगड़ेगे भी लोगो से, लड़ाई झगड़ा होगा सोसाइटी में, आप इंसान है तो सुलह भी करेंगे। तो यह सब जों इंसानी फितरत है इसको सही रूख पर ले जाना और सही रूख पर परवान चढ़ाने को ही तरबियत कहते है। गुस्सा आये तो इंसान को कैसे कंट्रोल करना है यह इस्लाम बताता है।
इस मौके पर मो0 असलम, सादिक, शमीम कादरी, सुल्तान, शाजेब, अमान ,सलीम के साथ नगर के दर्जनों गणमान्य सहित तलबा मौजदू थे।