नई दिल्ली। संतूर वादक भजन सोपोरी का निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा कि वे लंबे समय से बीमार थे, लेकिन गुरुवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और फिर उनके निधन की खबर आ गई।
सोपोरी का जाना शास्त्रीय संगीत के लिए एक बड़ी क्षति है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। पिछले महीने पंडित शिवकुमार शर्मा का भी निधन हो गया था और अब भजन सोपोरी का निधन हो गया। उनके योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कालिदास सम्मानित किया जा चुका है। सोपोरी सूफियाना घराने से ताल्लुक रखते थे और पूरी दुनिया में में अपनी कला के दम पर उन्होंने एक अलग पहचान बनाई थी।
संतूर वादक भजन सोपोरी को कला के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। लेकिन 74 साल की उम्र में सेहत ने उनका साथ देना थोड़ा कम कर दिया। उन्हें गुरुग्राम के अस्पताल में एडमिट जरूर करवाया गया, डॉक्टरों का भी पूरा प्रयास रहा, लेकिन गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली और संगीत जगत में एक बड़ा खालीपन छोड़ गए।
भजन सोपोनी की कला इतनी महान थी कि वे संतूर से लेकर सितार तक, सब बजा सकते थे। उनके पास इंडियन क्लासिकल म्यूसिक में डबल मास्टर की डिग्री थी। उन्होंने इंग्लिश लिट्रेचर में भी मास्टर डिग्री ले रखी थी। ऐसे में संगीत के साथ-साथ भाषा पर भी उनकी जबरदस्त पकड़ रहती थी। वैसे उन्हें ये कला भी अपने महान वादक पंडित शंकर पंडित से देन में मिली थी। शंकर पंडित ने ही भारत में सूफि बाज स्टाइल को लोकप्रिय बनाया था। बाद में सोपोरी ने भी उस कला को आगे बढ़ाया और संतूर को भी एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला दी।