बोले- क्या भगवान ने कहा सिर्फ शाकाहारी भोजन कर मंदिर आना?
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मांस खाकर मंदिर जाने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इस आरोप को साफ किया कि वह मांस खाकर मंदिर में नहीं गए थे। इस दौरान मैंने (सिद्धारमैया) मंदिर में भगवान के दर्शन करने से पहले बस बांस शूट कढ़ी और अक्की रोटी खायी थी।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह मांसाहारी हैं, लेकिन उस दिन उन्होंने सिर्फ शाकाहारी भोजन किया था। साथ ही उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे जनता को असल मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या भगवान ने मंदिर जाने से पहले कहा है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने रविवार को अपने बचाव के लिए मंदिर जाने से पहले जो भोजन किया वो शाकाहारी थी।
दरअसल, सिद्धारमैया हाल ही में कोडागु जिले की अपनी यात्रा के दौरान एक मंदिर में गए थे। भाजपा नेताओं का कहना था कि सिद्धारमैया मांसाहारी भोजन कर मंदिर में गए, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। हालांकि, पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा नेताओं को कोई दूसरा काम नहीं है, इसलिए बेकार के मुद्दों को उठाया जा रहा है। भाजपा के नेता देश की बड़ी समस्याओं से लोगों को ध्यान भटकाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे लिए मंदिर में मांस खाकर जाना कोई मुद्दा नहीं है। कई लोग मंदिर में बिना मांस खाए जाते हैं, तो कुछ लोग मांसाहारी भोजन करने के बाद भी मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं। कई जगह देवी-देवताओं को मांस चढ़ाया जाता है। आपको सच बताऊं, तो जिस दिन मैं कोडिलीपेट में बासवेश्वर मंदिर गया, उस दिन मैंने मांस नहीं खाया था।
उन्होंने कहा कि वैसे मैं मांसाहारी हूं और यह मेरी खाने की आदत है। बता दें कि इससे पहले एक वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सिद्धारमैया को चौलेंज किया था कि यदि आप (सिद्धारमैया) में हिम्मत है, तो सूअर का मांस खाएं और मस्जिद में जाएं। इस चुनौती और हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा देखिए, मैं केवल चिकन और मटन खाता हूं, कोई अन्य मांस (सूअर का मांस या बीफ) नहीं। लेकिन मैं इसे खाने वालों का विरोध नहीं करता, क्योंकि यह उनकी खाने की आदत है।