मोटापे के दुष्परिणामों सचेत रहने की दी गयी सलाह
राम मनोहर लोहिया संस्थान में कोरोना और ओबीसिटी एक नई चुनौती पर संगोष्ठी आयोजित
लखनऊ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अन्तर्गत आज यहां प्रशासनिक भवन स्थित आडाीटोरियम में कोरोना और ओबीसिटी : एक नई चुनौती विषय को लेकर हुयी संगोष्ठी में लागों को मोटापे के दुष्परिणामों से सचेत रहने की सलाह दी गयी। मोटे लोगों में कोरोना के संक्रमण से आने वाले दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिये हुयी इस संगोष्ठïी में ओबीसिटी के मरीजों ने हिस्सा लिया और मोटापे की सर्जरी के उपरांत कोरोना जैसी बीमारी से बेहतर मुकाबला करने में इन मरीजों ने अपनी आपबीती सुनायी। इस मौके पर गैस्ट्रोसर्जरी के विभागाध्यक्ष और बैरियाट्रिक प्रोग्राम के अध्यक्ष डा. अंशुमान पाण्डेय, संस्थान की निदेशिका डा. सोनिया नित्यानंद, डा. दीपक मालवीय आदि ने भी हिस्सा लेते हुये मोटापे से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाव के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी। इस मौके पर संस्थान की निदेशिका डा. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि इस जन भागीदारी कार्यक्रम का उद्ïदेश्य मोटो लोगों में डायबिटीज, क्रोनोनरी आर्टीरी डिसीज आदि की वजह से भी कोरोना अधिक परेशानी देता है। उन्होंने अवगत कराया कि संस्थान में कई वर्षों से एक सफल बैरियाट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी यूनिट कार्यरत है जिससे अनेक मरीज लाभान्वित हुये है। वहीं डा. दीपक मालवीय, विभागाध्यक्ष ऐनेस्थीसिया ने क्रिटिकल केयर से संबधित मोटे लोगों में आने वाली परेशानियों के बारे में बताया और वेन्टिलेटर पर रहे मोटे मरीजों में आयी अलग दिक्कतों पर प्रकाश डाला। डा. भुवन तिवारी विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी ने कोरोना में मोटे मरीजों के दिल पर आये दुष्प्रभावों को सब के सामने रखा। उन्होंने शार्टटर्म और लॉग टर्म में मोटे लोगों के दिल सम्बंधी पडऩे वाली दिक्कतों के बारे में प्रमुखता से बताया और भ्रान्तियों से बचे रहने की चेतावनी दी। जबकि गैस्ट्रोसर्जरी के विभागाध्यक्ष और बैरियाट्रिक प्रोग्राम के अध्यक्ष डा. अंशुमान पाण्डेय ने बताया कि ये कार्यक्रम जनभागीदारी के कारण एक अलग पहचान रखता है। संस्थान में न्यूनतम स्तर पर अच्छी बैरियाट्रिक सुविधा होना और सुपर स्पेशियलिटी सुविधा होने के कारण आरएमएल मरीजों द्वारा पसन्द किया जाता है। साथ ही उन्होंने मोटापे से लडऩे और कोरोना से जीतने वाले मरीजों को डबल वारियर बताया।