लखनऊ। मौनी अमावस्या पर मंगलवार को प्रयागराज में संगम में भारी सँख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या माघ मेला का प्रमुख व सबसे पुण्यदायी स्नान पर्व माना जाता है।
माघ मेला क्षेत्र में आस्था की हर डगर, भक्ति भाव से भरी नजर आ रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के बाद संगम का जल लेकर बाहर निकलते दिख रहे हैं। रामघाट, दारागंज, गंगोली शिवालय, फाफामऊ आदि घाटों पर भी स्नान, दान का सिलसिला चल रहा है। बांध के नीचे लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। मौनी अमावस्या पर संगम-गंगा में डुबकी लगाने का संकल्प लेकर लोग तेजी से पग बढ़ाकर घाट की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं, घाटों पर भारी भीड़ है।
संगम के पवित्र जल में कुछ पल स्नान करके बाहर निकलने वाले लोगों के चेहरे पर आंतरिक ऊर्जा की अनुभूति हो रही है। बता दें कि माघ मास की अमावस्या तिथि सोमवार की दोपहर 1.27 बजे लग गई थी। स्नान का क्रम उसी समय से शुरू हो गया था। उदया तिथि में स्नान के अभिलाषी मंगलवार को स्नान कर रहे हैं। प्रशासनिक दावा है कि सोमवार को ही 45 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था।
मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद दान करने का विशेष महत्व है। इसी कारण स्नान के बाद लोग तीर्थ पुरोहितों को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि दान कर रहे हैं। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का है वे दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा दान कर रहे हैं।