नई दिल्ली। एयर इंडिया को बेचने की कोशिशें कामयाब हो गई है। एयर इंडिया एक बार फिर टाटा सन्स की हो गई है। टाटा संस ने इसे 67 साल बाद 18000 करोड़ रुपए की बोली लगाकर यह डील जीत ली है।
दीपम सचिव की मानें तो मंत्री समूह ने एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया में टाटा सन्स की बोली को स्वीकार कर लिया है। एयर लाइंस अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जाएगी। सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि टाटा सन्स ने एंटरप्राइज वैल्यू 18000 करोड़ रुपए लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्सा लिया था। 5 बिडर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया। क्योंकि उनकी बोली निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी। बिडर्स को विश्वास में लेते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ाया गया।
नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल के मुताबिक एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। 1 साल और तक अगर उनकी छंटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा।
बता दें कि टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।