सीतापुर -अनूूूप पाांडेय,राहुुुल मिश्रा/NOI- उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर के महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि पर आने वाली अमांवस्या तिथि से विश्वविख्यात 84 कोसीय होली परिक्रमा मेला शुरू होने जा रहा है । परन्तु ब्यवस्थाऐं अभी तक सून्य बनी हुई है । नगरपालिका परिषद की नाक के नीचे स्थित प्राचीन सीताकुण्ड तीर्थ व बालमीकि आश्रम प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का सिकार होकर रह गया है । सीताकुंड तीर्थ की वर्षों से साफ सफाई न होने के कारण तीर्थ का जल काई युक्त गंदा व दूषित हो गया है । इस जल में स्नान करना तो बहुत दूर की बात है । श्रद्धालु मार्जन तक करने से परहेज कर रहे है वही उच्च अधिकारी लगातार बैठक कर महंतों के साथ तैयारियों के विषय में चर्चा कर रहे हैं मगर जर्जर मार्ग और दूषित गंदा जलभराव जो कि श्रद्धालुओं के नंगे पैरों के नीचे से गुजरेगा उस विषय में कोई भी अधिकारी कर्मचारी व्यवस्था नहीं कर पा रहा है मात्र 72 घंटे के बाद प्रारंभ होने वाली 84 कोसी परिक्रमा में केवल खानापूर्ति कर अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए कहीं ना कहीं नजर आ रहे हैं
इस प्राचीन तीर्थ की मान्यता है । कि त्रेता युग में भगवान राम अपने चौदह वर्षीय वनवास काल के दौरान लक्ष्मण व माता सीता सहित यहां के बालमीकि आश्रम में निवास किया था । यहां पर स्थित प्राचीन बालमीकि आश्रम भी काफी जीर्ण सीर्ण होकर अपने अस्तित्व को खोता चला जा रहा है । परन्तु नगर पालिका के प्रशासनिक अधिकारी मूक दर्शक बने हुए है ।