लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री का चेहरा भले ही अभी तय न हुअा हाे, लेकिन इसी बीच सूबे में मंत्री बनने की दौड़ भी शुरू हो गई है। पार्टी की पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक प्रचंड जीत हासिल की है।
चौतरफा मिले जनादेश के चलते बीजेपी क्षेत्रीय, जातीय और वर्गीय संतुलन के साथ ही आधी आबादी को भी मंत्रिमंडल में तरजीह देना चाहती है। इसके लिए उच्च स्तर पर होमवर्क शुरू हो गया है।
जानकाराें के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ में सुरेश खन्ना, राधा मोहन दास अग्रवाल, हृदय नारायण दीक्षित, सतीश महाना, जयप्रताप सिंह, पंकज सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, जगन प्रसाद गर्ग, धर्मपाल सिंह, राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह, उपेन्द्र तिवारी, दल बहादुर, सत्यप्रकाश अग्रवाल, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, श्रीराम सोनकर, वीरेन्द्र सिंह सिरोही, रमापति शास्त्री, अक्षयवर लाल जैसे कई लोगों को अलग-अलग समीकरण की वजह से लालबत्ती का तोहफा मिल सकता है।
इन्हें मिल सकती है लाल बत्ती
नेता प्रतिपक्ष रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य हों या एनसीपी के नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेट पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह। इसके अलावा रालोद के दल नेता रहे दलवीर सिंह की भी मंत्रिमंडल के लिए दावेदारी बढ़ गई है।
लखनऊ कैंट अाैर मध्य क्षेत्र से विजयी रीता बहुगुणा जाेशी और बृजेश पाठक दूसरे दल से आए हैं, लेकिन वरिष्ठता को देखते हुए इन्हें मौका मिल सकता है। लखनऊ पूर्वी के आशुतोष टंडन भी मजबूत दावेदार हैं।
अयोध्या में मंत्री को हराकर खोई प्रतिष्ठा वापस लाने वाले वेदप्रकाश गुप्ता, मधुबन में पहली बार कमल खिलाने वाले दारा सिंह चौहान और नकुड़ में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी को भी मौका मिल सकता है।
अल्पसंख्यक कोटा पर इनकी सीट पक्की
अल्पसंख्सक काेटे से काैन बनेगा मंत्री
अल्पसंख्यक कोटे से होने की वजह से पलिया के विधायक हरिमिंदर सिंह उर्फ रोमी साहनी की सरकार में सीट पक्की मानी जा रही है। किसी मुस्लिम कार्यकर्ता को भी शपथ दिलाई जा सकती है।
हालांकि बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था, लेकिन शपथ दिलाने के बाद उन्हें विधान परिषद् की सदस्यता दी जा सकती है।
बीजेपी इस बार महिलाओं को मंत्रिमंडल में पूरी भागीदारी दे सकती है। इनमें प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल, मंत्री नीलिमा कटियार, महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाती सिंह, रानी पक्षालिका सिंह के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे मंत्री गायत्री को शिकस्त देने वाली भूपति भवन की रानी गरिमा सिंह को मौका मिल सकता है।
बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व
बुंदेलखंड में झांसी के रवि शर्मा का नाम सबसे प्रमुख लोगों में शुमार है। वह पिछली बार भी चुनाव जीते थे। वहां पिछड़ी जाति का बीजपी के प्रति झुकाव को देखते हुए इस वर्ग से भी उनकोप्रतिनिधित्व मिलना तय माना जा रहा है।
कुर्मी बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने वाले मानिकपुर से जीते और पूर्व सांसद आरके पटेल को मौका मिल सकता है। पटेल के अलावा कुछ अाैर भी नाम चर्चा में हैं।
गठबंधन काेटे से इनकाें मिल सकती है कैबिनेट में जगह
भाजपा के गठबंधन
‘सबका साथ-सबका विकास’ का मोदी का नारा मंत्रिमंडल में भी चलेगा। बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के नौ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक जीते हैं। केंद्र में अपना दल कोटे की मंत्री अनुप्रिया पटेल की पसंद पर उनकी पार्टी का मंत्री होगा, जबकि भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जहूराबाद से जीते ओमप्रकाश राजभर का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अनुप्रिया की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आरके वर्मा को मौका मिल सकता है।
गृहमंत्री भी बनाए जा सकते हैं
सालों से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के पास ही गृह मंत्रालय रहता रहा है, लेकिन बीजेपी ने जिस तरह कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी है, उससे लग रहा है कि किसी अनुभवी नेता को गृहमंत्री बनाकर संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने के लिए सरकार अभियान चलाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष चुनने की चुनौती
विधानसभा अध्यक्ष के चयन को लेकर भी बीजेपी के सामने चुनौती है। बीजेपी में वरिष्ठ विधायकों में दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचेतक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, सतीश महाना, जयप्रताप सिंह और हृदय नारायण दीक्षित जैसे कई विधायक हैं, जिनके नाम पर पार्टी विचार कर सकती है।