लखनऊ। अब विदेशों से हवाई जहाज से आने वाले प्रदेशवासियों को सात दिन के लिए किसी होटल या सरकार के क्वारंटाइन आश्रय स्थलों पर नहीं रहना पड़ेगा लेकिन ये केवल गर्भवती महिलाओं या घर में किसी परिजन की मृत्यु हो जाने पर या परिजन गंभीर बीमारी का शिकार हो या फिर यात्री के साथ 10 साल से छोटे बच्चे हों।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी। ऐसे यात्री सीधे घर आकर वहां ही अपनी क्वारंटाइन अवधि बिता सकते हैं। इसके साथ ही अन्य यात्री भी यात्रा करने से 96 घंटे के अन्दर आरटीपीसीआर से की गई निगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट अपने साथ लाते हैं तो उन्हें भी सात दिन तक सरकारी आश्रय स्थलों या होटल में रहने की जरूरत नहीं होगी। वे भी सीधे घर आ सकते हैं।
इसी के साथ दूसरे राज्यों में ट्रेन से अपने किसी काम से जाने वाले प्रदेशवासी पांच दिन के अन्दर घर वापस आ जाते हैं तो उन्हें 7 दिन के क्वारंटाइन में रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बशर्ते कि वे लक्षण विहीन हों। केन्द्र सरकार से इस बारे में आई नई गाइड लाइन के तहत प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है।
श्री प्रसाद ने बताया कि विदेश से आने वाले प्रदेश के निवासी को अभी तक सात दिन के लिए सरकारी क्वारंटाइन आश्रय स्थलों या होटलों में और उसके बाद सात दिन तक अपने घर में क्वारंटाइन रहने को आदेश था। इसी तरह उसे 14 दिन तक क्वारंटाइन रहना पड़ता था। इसी तरह दूसरे राज्य से ट्रेन से आने वालों को भी 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना पड़ता था। अब इन दिशा निर्देशों में संशोधन कर दिया गया है।