लखनऊ।‘यूपी के लड़के’ राहुल गांधी और अखिलेश यादव अपनी पार्टी के लिए कुछ खास नहीं कर सके। हालांकि, बीजेपी की ओर से ‘यूपी के लड़के और लड़की’ ऐसा करने में सफल रहे। पार्टी के तीन युवा चेहरों ने अपनी एंट्री में ही रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल कर ली। बीजेपी के मुताबिक, हकीकत यह है कि यूपी में युवाओं ने पार्टी के लिए एकजुट होकर वोट दिया।
होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के 38 साल के बेटे पंकज सिंह ने 1 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। इसी तरह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और अमित शाह के करीबी श्रीकांत शर्मा (46 साल) भी मथुरा विधानसभा सीट से 1.04 लाख वोटों के अंतर से जीतने में सफल रहे। उन्होंने 4 बार से विधायक रहे और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर को हराया।
बीजेपी की एक और युवा और ‘यूपी की लड़की’ कही जाने वाली मनीषा अनुरागी (35 साल) ने बुंदेलखंड की राठ विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव 1.04 लाख वोटों से जीता। ये तीनों यूपी के उन टॉप 5 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिनकी जीत का मार्जिन 1 लाख वोटों से भी ज्यादा है। सिंह और शर्मा को इस बार यूपी में मंत्री बनाया जा सकता है। राज्य कैबिनेट में युवा चेहरों की तरजीह दिए जाने की संभावना है।
पार्टी महासचिव श्रीकांत शर्मा ने ईटी से बातचीत में कहा कि राहुल और अखिलेश ‘यूपी के शहजादे’ थे, जो बुरी तरह नाकाम रहे। उनका कहना था कि ये कथित ‘यूपी के लड़के राज्य के मंत्री से रेप की शिकार एक लड़की को न्याय नहीं दिला पाए।’ उन्होंने कहा, ‘आप फ्री लैपटॉप और स्मार्टफोन का दावा करते हैं, लेकिन स्कूलों में बुनियादी शिक्षा की सुविधाएं नदारद हैं।’ शर्मा फिलहाल हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं। वह इस राज्य के लिए पार्टी मामलों के प्रभारी हैं। हालांकि, उनका कहना था कि बीजेपी और अमित शाह की तरफ से उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसका पालन करने के लिए तैयार हैं।
पंकज सिंह ने ईटी से कहा कि यूपी के युवाओं ने अखिलेश यादव के मुफ्त ऑफरों को खारिज कर दिया क्योंकि जनता को वास्तव में सुरक्षा और रोजगार की जरूरत थी, जिसमें यादव बुरी तरह से नाकाम रहे। सिंह ने कहा, ‘राज्य में मेरे युवा सम्मेलनों के दौरान बड़ी संख्या में युवा बीजेपी के लिए इकट्ठा हुए। जैसा कि अखिलेश और राहुल सोचते हैं, सिर्फ युवा होने से आपको युवा वोट नहीं देते। यह उम्र का मामला नहीं है, बल्कि यह मायने रखता है कि आप युवाओं के लिए क्या करते हैं- यूपी के युवाओं ने 2014 में और फिर से नरेंद्र मोदी में भरोसा जताया। जब प्रधानमंत्री ने रैलियों में कहा कि लड़कियां यूपी में अंधेरा होने के बाद बाहर निकलने से डरती हैं, तो इसने युवाओं के दिमाग में घंटी बजाई। यह हकीकत है।’