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Thursday, January 16, 2025

UP Board 2018 : 5 लाख छात्रों ने छोड़ी परीक्षा, पकड़े गये 144 नकलची



लखनऊ. यूपी बोर्ड की परीक्षा 6 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा में हुई सख्ति के कारण प्रदेश में कुल 5 लाख छात्रों ने यूपी बोर्ड की परीक्षाएं छोड़ दी हैं। वही नकलचियों की संख्या भी कम हो गई है। परीक्षा के दूसरे दिन 144 नकलची पकड़े गए जबकि बीते वर्षी इनकी संख्या 266 थी। बोर्ड परीक्षा में 3 जिलों के पेपर बदले गए हैं। हिंदी की परीक्षा से ढाई घंटे पहले औरैया, इटावा और बांदा जिले के पेपर बदल दिए गए।
3 जिलों के पेपर बदले गए
औरैया के बिधूना स्थित डीएस शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में मंगलवार सुबह हाई स्कूल गृह विज्ञान की जगह हाई स्कूल हिंदी का पेपर खुल गया था। जिस सीरीज का पेपर पहले खुल गया वह सीरीज औरैया, इटावा और बांदा में भेजी गई थी। पेपर खुलने की सूचना बोर्ड मुख्यालय को मंगलवार शाम 7:00 बजे मिली तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि प्रिंटिंग प्रेस से सीधी इन तीनों जिलों में पेपर भिजवाना संभव नहीं था। लिहाजा बोर्ड ने आनन-फानन में पेपर के बंडल बनवाएं और अपने कर्मचारियों को चार पहिया वाहनों से तीनों जिलों में रवाना किया।

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने किया औचक निरीक्षण
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने जौनपुर समेत कई जिलों में औचक निरीक्षण से यूपी बोर्ड को नकलविहीन बनाने के प्रयासों को बल दिया है। इसी तरह इलाहाबाद में एसटीएफ की कार्रवाई से बड़ा संदेश दिया है। बुधवार सुबह अचानक उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा हरदोई पहुंचे। उन्होंने शहर और ग्रामीण क्षेत्र में घूमकर का परीक्षा केंद्र देखें। इस दौरान उन्होंने कहा कि नकल माफिया चिन्हित किए जा रहे हैं। नकल कराने की कोशिश की तो माफिया जेल जाएंगे। इस मामले में डिप्टी सीएम ने मीडिया से कहा कि ढाई माह में होने वाली परीक्षा इस बार 105 दिन में कराई जा रही है। अगले सत्र से यही परीक्षा 14-15 दिन में ही समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने कहा सभी डीएम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि नकल माफिया की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कुछ लोगों ने हरदोई को परीक्षा के मामले में बदनाम कर रखा था उनको चिन्हित किया गया है। वह अन्य कई जिलों में अचानक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा अगले सत्र में पढ़ाई भी ठीक उसी तरह होगी जैसे परीक्षा हो रही है।

बता दें कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में 66.7 3 लाख छात्र शामिल हुए हैं और इनके लिये कुल 8549 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जबकि 2017 में केवल 60 लाख छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे उनके लिए 11415 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 2866 परीक्षा केंद्र कम हैं।

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