मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने के लिए भाजपा ने विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का फार्मूला तय कर लिया है। पार्टी के फार्मूले के अनुसार टिकट वितरण हुआ तो विधानसभा चुनाव-2022 में 150 से अधिक उम्मीदवार बदल जाएंगे। इनमें 2017 में चुनाव जीते और हारे उम्मीदवार भी शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक साढ़े चार वर्ष तक संगठन व सरकार की गतिविधियों में निष्क्रिय रहने वाले विधायकों का टिकट कटेगा। वहीं, साढ़े चार वर्ष में समय-समय पर अनर्गल बयानबाजी कर संगठन व सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले विधायकों पर भी गाज गिरेगी। 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके, विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारी से जूझ रहे विधायकों का टिकट भी कटेगा।
पार्टी का मानना है कि जिन विधायकों से स्थानीय जनता, कार्यकर्ता, संगठन पदाधिकारी नाराज है उनकी जगह नए चेहरे को मौका देने से फायदा होगा। साथ ही जिन विधायकों पर समय-समय पर अलग-अलग तरह के आरोप लगते रहे हैं उन विधायकों को भी टिकट देने से पार्टी परहेज करेगी। विधानसभा चुनाव 2017 में ज्यादा अंतर से हारे उम्मीदवारों को भी पुन: मैदान में उतारने का जोखिम मोल लेने से पार्टी बचेगी।
नड्डा से लेकर मुख्यमंत्री योगी तक जुटे
सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशी चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह के स्तर पर भी विभिन्न एजेंसी के जरिये सर्वे कराया जा रहा है। इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिलों का दौरा कर चुनावी फीडबैक लेने के अलावा विभिन्न स्तर से सर्वे करा रहे हैं।