लखनऊ 7 मई 2021: वीएलसीसी ने आज इन्टेन्सिव रीस्टोरेटिव वैलनैस प्रोग्राम- वी केयर– के लॉन्च की घोषणा की है, जिसे खासतौर पर कोविड-19 इन्फेक्शन के बाद के प्रभावों से निपटने के लिए डिज़ाइन मरीजों को उचितg फॉलो-अप देखभाल प्रदान करेगा। वी केयर मरीज़ के मन और शरीर को सुचारू रूप से स्वस्थ होने में मदद करेगा। यह प्रोग्राम ऑनलाईन www.vIccwellness.com पर तथा देश भर में वीएलसीसी के सभी वैलनैस क्लिनिकों में उपलब्ध है।
अध्ययनों से साफ हो गया है कि 80 फीसदी मरीजों में वायरस एवं इसके इन्फेक्शन से मुक्त होने के बाद भी कुछ लक्षण बने रहते हैं। हाल ही में नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए ने इसे ‘पोस्ट-एक्यूट सीक्वल ऑफ SARS-CoV-2 इन्फेक्शन’ का नाम दिया गया। कोविड के बाद के लक्षणों में शामिल हैंबहुत अधिक थकान, नींद में बाधा, भूख की कमी, हल्का बुखार, सांस फूलना, सूखी खासी, रेजीड्युअल ब्रोंकाइटिस, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में सूजन, सोचने एवं एकाग्रता में परेशानी (ब्रेन फॉग) तथा अवसाद और तनाव । इन लक्षणों की लम्बे समय तक अनदेखी करने से मरीज़ में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती
हैं।
कोविड के बाद मरीज़ों की देखभाल के महत्व पर बात करते हुए श्रीमति वंदना लूथरा, संस्थापक एवं को-चेयरपर्सन, वीएलसीसी ग्रुप ने कहा, “जहां एक ओर देश की स्वास्थ्य प्रणाली कोविड-19 महामारी से जूझने पर ध्यान दे रही है, वहीं दूसरी ओर ज़रूरी है कि बीमारी से ठीक हुए मरीज़ों को भी उचित मार्गदर्शन मिले, ताकि उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक हो सके। अक्सर अस्पताल में भर्ती के बाद ठीक होने वाले मरीजों को उचित फॉलो-अप देखभाल नहीं मिल पाती, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पहले से ही मरीज़ों के इलाज के बोझ से जूझ रही है।
चिकित्सकीय वैलनैस डोमेन में अपनी गहन विशेषज्ञता के साथ वीएलसीसी इस संकट से निपटने में योगदान दे रहा है। वीएलसीसी की ओर से पेश किया गया पोस्ट कोविड-19 रीकवरी प्रोग्राम न केवल मरीजों को फिर से सामान्य स्वास्थ्य पाने में मदद करेगा, बल्कि इसे देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर पर बोझ भी कम होगा।”
वीएलसीसी एक मात्र संगठन है जिसका वैलनैस प्रोग्राम ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ की स्टैम्प के साथ आता है। वी केयर पोस्ट कोविड रीकवरी प्रोग्राम को वीएलसीसी के मेडिकल डॉक्टरों, पोषण विशेषज्ञों, फिजियोथेरेपिस्ट एवं साइकोलाजिस्ट की आर एण्ड डी टीम द्वारा विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
प्रोग्राम फिज़िकल, बायोकैमिकल, रेस्पीरेटरी, फिटनैस एवं पेन-रिलीफ पैमामीटर्स तथा मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर उचित सेवाएं प्रदान करता है। मेडिकल डॉक्टरों द्वारा हर प्रोग्राम को मॉनिटर किया जाता है, और मरीज़ के चिकित्सकीय इतिहास, मौजूदा शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसे कस्टमाइज़ किया जाता है। प्रोग्राम में स्क्रीनिंग, व्यापक मूल्यांकन, फिजियोथेरेपी, कार्डियो-पल्मोनरी रीहेबिलिटेशन, शारीरिक व्यायाम के लिए मार्गदर्शन, सांस के व्यायाम, आहार में बदलाव और इसकी मॉनिटरिंग, विशेष थेरेपी जैसे आयुर्वेद, योगा तथा काउन्सलिंग के द्वारा व्यवहार में बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलु शामिल हैं। इस प्रोग्राम के कई फायदे हैं जैसे इससे मरीज़ का स्टेमिना, फेफड़ों की क्षमता, शरीर की प्रत्यास्थता, मांसपेशियों की क्षमता, भूख, पाचन क्षमता बढ़ती है। जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में सूजन और थकान कम होती है।
कंपनी ने इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए इम्युनिटी बिल्डिंग प्रोग्राम वी शील्ड की शुरूआत भी की है। कोविड-19 को हराने में मरीज़ की इम्युनिटी यानि बीमारियों से लड़ने की ताकत बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। वी शील्ड इम्युनिटी बिल्डिंग प्रोग्राम एक कस्टमाइज्ड समाधान है जिसमें तीन चरणों के प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता हैं। पहले चरण में एप्सम साल्ट और मल्टीविटामिन थेरेप्युटिक ऑयल्स के द्वारा शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन किया जाता है। दूसरे चरण में लीवर कम्प्रेस थेरेपी के ज़रिए शरीर के मुख्य अंग लीवर की क्लीनिंग की जाती है। तीसरे चरण में क्रेनियोसैकलर रिफलेक्सोलोजी की मदद से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जाता है, जिससे शरीर का तनाव कम होता है, रक्त एवं लिम्फ के सर्कुलेशन में सुधार होता है, शरीर के उतकों से टॉक्सिन्स निकलने लगते हैं।
मेडिकल डॉक्टरों, फिजियोथेरेपिस्ट, पोषण विशेषज्ञों एवं चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा पेश किए गए वी केयर और वी शील्ड प्रोग्राम ऑनलाईन तथा देश भर में कंपनी के 150 से अधिक वीएलसीसी वैलनैस क्लिनिकों पर उपलब्ध हैं। कंपनी इन प्रोग्राम के फायदों को लोगों तक पहुंचाने के लिए देश भर के अस्पतालों के साथ साझेदारी कर रही है, जिसमें मरीज़ की स्वास्थ्य की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 1 से 4 सप्ताह तक के लिए मरीज़ की देखभाल की जाती है।