नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात की। चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ क्वाड बैठक पर कोई चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि मेरी बातचीत चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ अभी समाप्त हुई है। हमने लगभग 3 घंटे तक चर्चा की और खुले और स्पष्ट तरीके से एक व्यापक मूल एजेंडे को संबोधित किया। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप बाधित हुई।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वर्तमान स्थिति को मैं एक श्वर्क इन प्रोग्रेसश् कहूंगा। हालांकि यह धीमी गति से हो रहा है, इसे आगे ले जाने की आवश्यकता है क्योंकि डिसइंगेजमेंट के लिए (एलएसी पर) आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 1993-96 के समझौतों का उल्लंघन हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों की मौजूदगी (एलएसी पर) है। इसको देखते हुए हमारे संबंध (वर्तमान में चीन के साथ) सामान्य नहीं हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन पर हमने अपने-अपने दृष्टिकोणों और परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की लेकिन सहमति व्यक्त की कि डिप्लोमसी और बातचीत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एस. जयशंकर ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मुझे आश्वासन दिया कि वापस जाने के बाद इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मेडिकल छात्रों की विशेष चिंताओं को भी समझा।
विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की दुर्दशा को भी दृढ़ता से रखा, जिन्हें ब्व्टप्क् प्रतिबंधों का हवाला देते हुए वापस जाने की अनुमति नहीं है। हमें उम्मीद है कि चीन भेदभाव रहित रुख अपनाएगा क्योंकि इसमें कई युवाओं का भविष्य शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने बताया कि हम आशा करते हैं कि चीन भारत के संबंध में एक स्वतंत्र नीति का पालन करेगा और अपनी नीतियों को अन्य देशों और अन्य संबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा।
ओआईसी सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि हां यह सवाल आया था। मैंने इसका जिक्र किया। मैंने उन्हें समझाया कि हमें वह बयान आपत्तिजनक क्यों लगा। यह एक ऐसा विषय था जिस पर कुछ देर तक चर्चा हुई। एक बड़ा संदर्भ भी था।