लखनऊ। कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच विश्व साक्षरता दिवस आज पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विश्व साक्षरता दिवस हर साल 8 सितम्बर मनाया जाता है। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस साल 1966 में मनाया गया था। साक्षरता न केवल लोगों को सम्मान के साथ जीने में मदद करती है। बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती है। साक्षरता सभी का एक अधिकार है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 1966 में 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया था। तब से हर वर्ष इसे इस दिन मनाया जाता है। साक्षरता शब्द साक्षर से आया है, जिसका अर्थ होता है, पढ़ने और लिखने में सक्षम। विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई।
यूनेस्कों ने इस बार विश्व साक्षरता दिवस के लिए थीम ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए साक्षरता डिजिटल डिवाइड को कम करना है। साथ ही थीम डिजिटल साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निर्धारित है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा में काफी प्रभावित किया है और कई मुश्किलें खड़ी की है, इसने नागरिकों के बीच ज्ञान के विभाजन को बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्य साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि विश्व साक्षरता दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आइए, आज इस अवसर पर हम सभी समाज के कोने-कोने को साक्षरता के आलोक से आलोकित करने का संकल्प लें, ताकि श्सभी पढ़ें-सभी बढ़ें की संकल्पना साकार हो सके।
'विश्व साक्षरता दिवस' की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आइए, आज इस अवसर पर हम सभी समाज के कोने-कोने को साक्षरता के आलोक से आलोकित करने का संकल्प लें, ताकि 'सभी पढ़ें-सभी बढ़ें' की संकल्पना साकार हो सके।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 8, 2021