दीपक ठाकुर:NOI।
25 जुलाई की वो रात शायद छावनी परिषद के रजमन बाज़ार के लोग कभी भूल नही पाएंगे उस रात तक़रीबन एक बजे जब घर के सब लोग गहरी नींद में सोए तो अचानक बन्द हुई बारिश के बाद कुछ घरों में अफरा तफरी का माहौल बन गया क्योंकि उस रात एक ज़ोर की आवाज़ हुई और पीपल का एक पुराना पेड़ उनके घरों पर धराशाई हो गया वो तो कहें कि किसी प्रकार की कोई अनहोनी नही हुई वरना ना जाने कितने ही लोग घायल हो जाते।
इसी कालोनी में रहने वाले दीपक बाल्मीकि ने बताया कि 25 की रात एक बजे के लगभग पुराने पकरिया के पेड़ का आधा हिस्सा उनके घर पर गिर गया जिसके ऊपर सीमेंट की चादर पड़ी हुई थी वो तो कहिए कि बिजली के तार की वजह से सीधा उनकी छत पे नही गिरा नही तो कुछ भी हो सकता था वहां उनके आस पास के घरों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है।
ये तस्वीरें ये बताने के लिए काफी है कि यहाँ बड़ा हादसा टल तो गया है लेकिन छावनी परिषद के ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही ने इनका जीना मोहल कर रखा है आप खुद ही देखिए पेड़ की मोटी डालें घरों में पूरी तरह समाई हुई हैं स्थानीय पीड़ित लोगों ने छावनी परिषद से उसी दिन सुबह लिखित और मौखिक गुहार भी लगाई है लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने अभी तक नही पहुंचा।
दीपक बाल्मीकि ने बताया कि इस अवस्था मे घर के अंदर जाने से भी डर लगता है पता नही कब क्या हो जाये उनका कहना था कि यहां के पार्षद जगदीश काले जी ने भी कैंट के अधिकारी से बात की लेकिन उनकी भी अभी तक नही सुनी गई और तो और सांसद रीता बहुगुणा जोशी जी ने खुद सीओ साहब को फोन किया पर ना जाने क्यों उनके घर से पेड़ हटाने कोई नही आ रहा।
फिलहाल की स्तिथि ये हैं कि कैंट के रजमन बाज़ार में दीपक बाल्मीकि सहित कुछ लोगो के घरों में पेड़ को लेकर हाहाकार मचा हुआ है लेकिन छावनी परिषद के आलाधिकारी अपने ऑफिस से निकल कर उनका पुरसा हाल लेने नही आ रहे अगर कोई बड़ी घटना घटती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी छावनी परिषद के ज़िम्मेदार अधिकारियों की होगी क्योंकि अगर वो पेड़ घरों से ना हटा तो खतरा बना ही रहेगा और उनका जीना मुश्किल।।