सरकार ने छात्रों को देश में ही तकनीकी एवं कौशल विकास से जुड़ी बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की योजना बनाई है.
हर साल बड़ी संख्या में बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए विदेश जाने के कारण देश से कई अरब डॉलर विदेश जाने की खबरों के बीच सरकार ने छात्रों को देश में ही तकनीकी एवं कौशल विकास से जुड़ी बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की योजना बनाई है और नौंवी कक्षा से व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्र म शुरू करने के प्रस्ताव पर अमल शुरू कर दिया है.
एक अध्ययन के मुताबिक, प्रतिवर्ष करीब दो लाख छात्र पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं जिसमें बड़ी संख्या ऐसे छात्रों की होती है जो व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे देशों में जाते हैं.
इस स्थिति को देखते हुए देश के भीतर व्यवसायिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया जा रहा है. यहां तक कि संगीत, विधि, आटोमोबाइल, खुदरा क्षेत्र, अर्ध चिकित्सा, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक अधिकारी ने कहा कि देश में कॉलेजों से शिक्षा और रोजगार प्राप्त करने के बीच बड़ी खाई है. इसे दूर करने की जरूरत है.
परिषद ने इस दिशा में कदम उठाया है. राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ) तैयार किया गया है जो देश में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि इस ढांचे पर अमल करने से 2020 तक देश में दक्ष मानव संसाधन का समूह तैयार हो जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व ‘आईआईएमबी’ द्वारा कराए गए सव्रेक्षण में यह बात सामने आई है कि साल 2000 के बाद 10 वर्षो में विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 256 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. अध्ययन के मुताबिक, साल 2000 में 53 हजार भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे थे जिनकी संख्या 2010 में बढ़कर करीब दो लाख हो गई.
एसोचैम के अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय छात्रों के शिक्षा प्राप्त करने (विशेष तौर पर कौशल विकास) के लिए विदेश जाने से हर साल कई अरब डॉलर देश से बाहर जा रहे हैं. ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने नौवीं कक्षा से व्यवसायिक एवं कौशल विकास के पाठ्यक्र म शुरू करने की योजना बनाई है.
कौशल विकास के संबंध में उच्च माध्यमिक स्तर पर 40 और माध्यमिक स्तर पर 4 पाठ्यक्र म पेश किए गए हैं. माध्यमिक स्तर पर चार व्यवसायिक पाठ्यक्र म पेश करने के लिए सीबीएसई ने ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी’, आस्ट्रेलिया के साथ सहयोग किया है.
नौवीं कक्षा में शैक्षणिक सत्र 2013-14 से चार व्यवसायिक पाठ्यक्र म शुरू किए जाएंगे जिसमें सुरक्षा, खुदरा क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आटोमोबाइल प्रौद्योगिकी शामिल है. प्रत्येक पाठ्यक्र म 200-200 घंटे का होगा.
विदेशों में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों के लिए अमेरिका अभी भी पसंदीदा स्थल बना हुआ है जबकि नस्ली हमलों से जुड़ी घटनाएं सामने आने के बावजूद आस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों की दूसरी पसंद है.
आमतौर पर 60 से 70 हजार छात्र प्रति वर्ष अमेरिका में पढ़ाई करने जाते हैं, इसके बाद आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, कनाडा, सिंगापुर आदि का स्थान आता है. जर्मनी भी भारतीय छात्रों की पसंद के रूप में उभर कर सामने आया है. साल 2008-09 में जहां 3,516 छात्र पढ़ाई करने जर्मनी गए वहीं 2011-12 में यह बढ़कर 5,998 हो गया.