लखनऊ NOI । बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जनता को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आशा करती हूं इस साल नोटबंदी जैसी समस्या का सामना न करना पड़े। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार गरीब विरोधी है। केंद्र सरकार बहुमत के अहंकार में है। उन्होंने कहा कि नाकामयाबियों से ध्यान हटाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के ये फैसला लिया गया जिससे देश की 90 फीसदी जनता को परेशानी उठानी पड़ी।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी की नीतियां अभिशाप साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को दिए गए संबोधन से बिल्कुल नहीं लगा कि ये देश की उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे। उस दिन पूरा देश उनसे उम्मीद लगाए था। केंद्र ने किसानों का कर्ज भी माफ नहीं किया।
मायावती बोलीं, अच्छे दिन के आसार बहुत कम दिख रहे हैं। उन्होंने लखनऊ में हुई प्रधानमंत्री की रैली पर भी निशाना साधा। कहा कि प्रधानमंत्री का 15 लाख रुपए देने का जुमला झूठा साबित हुआ।
मायावती ने कहा कि 2017 में मोदी को सदबुद्धि आए। कांग्रेस की तर्ज पर बीजेपी भी जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को हुए राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद प्रधानमंत्री को देशवासियों को बताना चाहिए था कि कितना कालाधन पकड़ा गया और कितने भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने की तैयारी की जा रही है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रधानमंत्री को इन 50 दिनों के आंकड़े रखने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि 50 दिनों बाद भी जनता को राहत नहीं मिली। कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की आड़ में जनता का खून चूसा। मायावती ने सपा और भाजपा पर मिलीभगत का भी इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा कि बसपा अब पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी।
सपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि झगड़े से यादव वोट दो हिस्सों में बंट गया। मुस्लिम समाज इन्हें वोट देकर अपना वोट खराब न करें। उन्होंने कहा कि सपा में वर्चस्व को लेकर लड़ाई है।
बसपा सुप्रीमो ने बताया कि उन्होंने विस चुनाव के प्रत्याशी तय कर रखे हैं जिसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने बताया कि दलित वर्ग को 87, मुस्लिम वर्ग को 87, पिछड़ा वर्ग को 106 और सवर्णों को 113 टिकट दिए गए हैं। जिसमें से क्षत्रियों को 45 और ब्राह्मणों को 113 टिकट दिए गए हैं।