नई दिल्ली, एजेंसी। क्या आपने कभी सोचा कि अचानक ही आपके साथ वाली किसी स्त्री का व्यवहार अकारण ही असमान्य कैसे हो जाता है और पूछने पर इस व्यवहार के बारे में उन्हें खुद भी नहीं पता होता। दरअसल ग्रहों की चाल बदलने के कारण स्त्रियों का व्यवहार प्रभावित होता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आप ग्रहों की पहचान कर ये आसान से उपाय करने उनकी स्थिति को सही कर सकती है।
जिस महिला की कुंडली में चंद्रमा की दशा अच्छी है, वह महिला खुश मिजाज और सटीक विचारधाराओं वाली होती है। इसके विपरीत चंद्रमा की खराब स्थिति में महिला को हमेशा डर लगा रहता है। उन्हें लगता है कि कोई उनका पीछा कर रहा है। अगर कोई महिला बार- बार हाथ धोती है या फिर देर तक नहाती है तो ये कमजोर चंद्र की निशानी होती है। कमजोर चंद्र वाली महिलाओं को शिव की आराधना के साथ ही संगीत सुनना चाहिए। कमरे में अंधेरा ना रखें।
महिला की कुंडली में सूर्य की दशा अच्छा होने पर वह निष्पक्ष न्याय में विश्वास करती है। लेकिन जब यह कुंडली में सूर्य की चाल बिगड़ जाती है तो वह अपने आस पास के माहौल को तनावपूर्ण बना देती है। सूर्य की दशा को सही करने के लिए सूर्य को जल दें और रोज सुबह उगते हुए सूर्य को करीब दस मिनट देखते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें।
कुंडली में बुध की अच्छी स्थिति महिला को चतुर, बुद्धिमान बनाता है। ऐसी महिला व्यापार में आगे रहती है। वहीं अशुभ बुध ग्रह वाली स्त्री दूसरों की बातों पर जल्दी विश्वास करने वाली और घटना होने से पहले ही चिंता करने वाली होती है। वैसे अगर बुध शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ फल देता है और अशुभ के साथ अशुभ प्रभाव डालता है। बुध की दशा को सही करने के लिए हरे मूंग, हरी सब्जी का सेवन और हरे वस्त्र का दान करना चाहिए।
बृहस्पति को गुरु भी माना गया है। शुभ बृहस्पति वाली स्त्री विद्वान होने के साथ साथ विनम्र भी होती है। वहीं अशुभ बृहस्पति वाली स्त्रियां स्वार्थी व लोभी होती है। कमजोर बृहस्पति वाली स्त्रियां पुखराज धारण करें और गुरुवार का व्रत रखें। अगर किसी स्त्री की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में है तो वह लोकप्रिय होती है। साथ ही तकनीकी ज्ञान में भी आगे रहती है। दूषित शनि वाली स्त्री को निम्न स्तर का जीवन साथी मिलता है। स्त्री को काले रंग से बचना चाहिए।
अच्छे शुक्र की दशा वाली स्त्री को सभी तरह की सुख सुविधा मिलती है। सीमित आय साधन में भी वह ऐशो आराम से रहती है। अगर शुक्र चंद्र केसाथ कुंडली में हो तो स्त्री भावुक होती है। वहीं जिस स्त्री की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है उनके विवाह में देरी होती है। ऐसी स्त्री को हीरा पहनने से बचना चाहिए। जिस स्त्री की कुंडली में राहु अच्छी स्थिति में होता है, वह एक अच्छी जासूस और वकील बनती है। जो स्त्री राहु से प्रभावित होती है, उनकी बोली में कड़वाहट आ जाती है। कुडंली में राहु को शांत करने के लिए मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
कुंडली में केतु की अच्छी दशा के कारण स्त्री को समाज को सम्मान मिलता है। वही इससे प्रभावित महिलाओं शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। केतु के प्रभाव को कम करने के कलए लहसुनिया नग अच्छा माना गया है।