लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बहुजन समाजपार्टी की करारी हार के बाद हाहाकार मचा हुआ है, कार्यकर्ताओं ने अब तो पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया है। यहां फतेहपुर जिले में बसपा भाईचारा कमेटी के मंडल कॉर्डिनेटर डॉ. गोविन्द राज प्रजापति सहित 125 कार्यकर्ताओं ने बीएसपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के पूर्व जिला प्रभारी ज्ञानेंद्र सचान, पूर्व लोकसभा प्रभारी सुशील सिह चंदेल ने भी बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
साल 2009 से मिल रही लगातार हार
पार्टी छोड़ने वाले इन लोगों का कहना है कि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव से पार्टी का चिंतनीय एवं लगातार खराब प्रदर्शन शुरू हुआ। यह 2012 के बाद लोकसभा 2014 के चुनाव के बाद 2017 में भी देखने को मिला। इतने खराब प्रदर्शन एवं परिणामों की बाद भी बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा कोई जायज समीक्षा अथवा चिंतन नहीं किया गया। उल्टे हमेशा ही इसका ठीकरा कार्यकतोओं पर बहानेबाजी करने पर और जायज कारणों को छिपाने के लिये किया गया।
जनसमस्याओं को लेकर नहीं ईवीएम को लेकर धरना
इसका ताजा उदाहरण अभी सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम को लेकर है। जनसमस्याओं को लेकर संघर्ष नहीं बल्कि अब ईवीएम को लेकर धरना प्रदर्शन की बात कही जा रही है। बहुजन समाज पार्टी कांशीराम के द्वारा स्थापित किये गये सिद्धांतों से हटकर विपरीत धारा में चल रही है। ऐसी स्थिति में इस दल में अब कार्य करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसी लिए सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।