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Monday, December 23, 2024

सपा का सुल्तान बनकर उभरे अखिलेश, पूरे ‘दंगल’ पर एक नजर

लखनऊ।NOI ।यूपी के सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी से निकाले गए अखिलेश यादव 19 घंटे में ही सुल्तान बनकर उभरे। इन 19 घंटों में बहुत कुछ उतार चढ़ाव हुआ। इस दौरान ही उनकी और रामगोपाल की न सिर्फ सपा में बाइज्जत वापसी हुई, बल्‍कि शिवपाल यादव ने खुद उनका निष्कासन रद्द होने की जानकारी मीडिया को दी।
‘दंगल’ की शुरुआत हुई शुक्रवार देर शाम करीब 7 बजे मुलायम स‌िंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस से। जब उन्होंने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को सपा से 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुलायम बोले-रामगोपाल और अखिलेश पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी को किसी भी कीमत में टूटने नहीं देंगे। पार्टी पहले है, परिवार बाद में।

आनन फानन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार सुबह 9 बजे अपने आवास पर विधायकों की बैठक बुला ली तो सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने 10.30 बजे सपा के प्रदेश कार्यालय में प्रत्याशियों की बैठक बुला ली। सीएम खेमे के नेता देर रात तक विधायकों से संपर्क करके उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने में लगे हुए थे। सपा के लगभग 300 प्रत्याशी मुलायम-शिवपाल की सूची में भी हैं और सीएम अखिलेश की भी। ऐसे में उन्हें तय करना मुश्किल था कि वे किसके साथ रहें। उनके सामने धर्म संकट की स्थिति थी। शुक्रवार को कई विधायक कहते सुने गए कि अखिलेश या मुलायम में से किसी एक को छोड़ना उनके लिए काफी तकलीफदेह होगा।

सपा के महाशक्ति प्रदर्शन में जीते अखिलेश

सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी के आज हुए सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शन में अखिलेश ने पिता मुलायम से बाजी मार ली। साथ ही, भावुक बयान देने के बाद इरादे भी जाहिर कर दिए। शनिवार को नेताजी ने आधिकारिक रूप से घोषित किए गए उम्मीदवारों की बैठक बुलाई थी, लेकिन उनके यहां बहुत कम विधायक पहुंचे।

वहीं, अखिलेश के घर हुई मीटिंग में काफी ज्यादा विधायक शामिल हुए। स्पष्ट है कि अखिलेश का पलड़ा भारी है। 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में सपा के 224 विधायक हैं। बता दें कि शुक्रवार को मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल यादव को 6 साल से लिए पार्टी से निकाल दिया था।
मीटिंग में भावुक हुए अखिलेश

अखिलेश के सरकारी आवास पर हुई मीटिंग में उनके करीबी विधायक एक-एक कर उनसे मिलने पहुंचे। बात करते-करते कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश भावुक हो गए। उन्होंने खुद को किसी तरह संभाला, लेकिन उन्होंने पहले की तरह नेताजी से जुड़ा कोई किस्सा शेयर नहीं किया। हालांकि ये जरूर कहा, “मुझे पार्टी से अलग किया गया है, पिता से अलग नहीं हुआ हूं। एक बार फिर यूपी जीतकर नेताजी को तोहफे में दूंगा।

मीटिंग में मौजूद एक नेता की मानें तो सीएम की बातों से लग रहा था कि उन्हें मुलायम के ऐसे फैसले का अंदाजा था। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि हमारा मुख्य लक्ष्य यूपी चुनावों में सांप्रदायिक ताकतों को रोकना है। मीटिंग के दौरान ही कई दूसरे दलों के नेताओं से भी मौजूदा घटनाक्रम को लेकर अखिलेश की फोन पर बात हुई।

मुलायम से मिले अखिलेश, शिवपाल ने किया टवीट

विधायकों व मंत्रियों से समर्थन हासिल करने के बाद सीएम अखिलेश यादव, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से ‌मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे। मुलायम ने फोन कर शिवपाल यादव को अपने पांच विक्रमादित्य मार्ग पर बुलाया। शिवपाल बेटे आदित्य यादव के साथ मुलायम के घर पहुंचे।

खबर आई कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, सीएम अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव का सपा से निष्कासन रद्द करने की तैयारी में हैं। सपा की वेबसाइट से दोनों के निष्कासन का पत्र हटा लिया गया है। कुल मिलकार सपा सुलह की ओर दिखी

शिवपाल भी मुलायम के घर से निकले।

मुलायम से ‌मिलने के बाद अपने आवास पर लौटे मुख्यमंत्री ‌अखिलेश यादव। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने किया ट्वीट। नेताजी के आदेशानुसार, सीएम अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव का निलं‌बन तत्काल प्रभाव से समाप्त। मिलकर सांप्रदायिक ताकतों को हराएंगे और फिर यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।

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