सीतापुर-अनूप पाण्डेय /NOI -उत्तरप्रदेश के सीतापुर जनपद मे स्वास्थ्य विभाग के शासनादेश (GO) की अवहेलना और बाहरी हस्तक्षेप के कारण प्रशासनिक अराजकता बढ़ती जा रही है। राजनीतिक प्रभाव और कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के हस्तक्षेप के चलते स्वास्थ्य विभाग में योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति न होकर पक्षपातपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं।
सबसे वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अनूप श्रीवास्तव (एसीएमओ) को स्वाभाविक रूप से कार्यवाहक सीएमओ की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी, लेकिन बाहरी हस्तक्षेप के कारण प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है। यही नहीं कार्यवाहक सीएमओ डॉ कमलेश चंद्रा कल रिटायर्ड हो रहे है मगर सूत्रों की जानकारी के अनुसार कल वह भी चार्ज अपना वरिष्ठ अधिकारी डॉ अनूप श्रीवास्तव को नहीं देना चाहते है ये न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुचारू संचालन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
राजनैतिक दखल से बिगड़ रही व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, सीएमओ पद को लेकर चल रही गुटबाजी और बाहरी दबाव के कारण विभागीय कार्यों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इससे न केवल विभाग की कार्यप्रणाली बाधित हो रही है, बल्कि आम जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
योग्यता के बजाय दबाव से हो रही नियुक्ति
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग जैसी महत्वपूर्ण संस्था में कार्यवाहक सीएमओ की नियुक्ति केवल वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर होनी चाहिए। बाहरी हस्तक्षेप से प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा असर पड़ेगा।
राजनैतिक दबाव में सी.एम.एस सीतापुर डॉ. इंद्रजीत सिंह को सीएमओ बनाने की कोशिश, सूत्रों के अनुसार, कुछ राजनीतिक व्यक्ति और प्रभावशाली लोग डॉ. इंद्रजीत सिंह (सीएमएस, जिला अस्पताल) को कार्यवाहक सीएमओ पद पर बैठाने की पैरवी कर रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह से नियमों और वरिष्ठता के विरुद्ध है। डॉ. अनूप श्रीवास्तव, जो सबसे वरिष्ठ एसीएमओ हैं, को स्वाभाविक रूप से कार्यवाहक सीएमओ बनाया जाना चाहिए, लेकिन राजनीतिक दखल से प्रशासनिक नियमों को दरकिनार किया जा रहे रहा है। सीतापुर सीएमएस डॉ. इंद्रजीत सिंह की प्रशासनिक क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि उनका अनुभव मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के रूप में कार्य करने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग में योग्यता को नहीं, बल्कि राजनीतिक सिफारिशों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो जनहित और विभागीय सुचारू संचालन के लिए घातक साबित हो सकता है।
अब देखने की बात है कि..कार्यवाहक सीएमओ डॉ कमलेश चंद्रा के द्वारा आज डॉ अनूप श्रीवास्तव को कार्यवाहक सीएमओ स्वतः चार्ज दिया जाता है कि नहीं ??