लखनऊ, दीपक ठाकुर। परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप अक्सर समाजवादी पार्टी पर लगाया जाता रहा है जो उनकी लिस्ट देख कर लगता भी है पर यही लिस्ट अगर अन्य पार्टियों की भी दिखी जाए तो समझ में आता है कि यहाँ तो सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसी कार्य में लिप्त हैं ।
भारतीय जनता पार्टी ने भी कई पिता पुत्र ससुर बहु बाप बेटी को चुनावी मैदान में उतारा है तो क्या ये परिवार वाद की श्रेणी में नहीं आता आप कहते हैं कि हमने काबिलियत के आधार पर टिकट दिया है तो क्या बाकियों में वो काबिलियत आपको नहीं दिखती जो आप दूसरों पर ऐसे आरोप लगाते है।
यहाँ हम ये नहीं कह रहे की आपलोगों ने परिवार वाद को बढ़ावा दे कर कोई गलती है जाहिर है सीट उसी को दी जाती है जिसमे जीतने की काबिलियत हो अब जब ऐसा उम्मीदवार घर में ही है तो क्यों ना उनको मौका दिया जाए और अगर इसको ख़तम ही करना है तो औरों को पहले इसका अनुसरण करना चाहिए ना की किसी को कोसना।।
अब ये कहना की समाजवादी पार्टी ही ऐसा करती है तो ये बात तो हजम नहीं होती हैं उनका परिवार थोड़ा बड़ा है तो सुर्ख़ियों में ज़्यादा रहती है पर कमोबेश हर पार्टी इसके लिए ज़िम्मेदार नज़र आ रही है।।।