विधान परिषद में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व CM अखिलेश यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल वबीएसपी विधाधक दल के नेता सुनील कुमार चित्तौड़ सहित दस सदस्यों का यह अंतिम सत्र होगा. ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ। महेन्द्र सिंह व वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है लेकिन उनके फिर से चुने जाने की आसार है.
विधानमंडल का मौजूदा बजट सत्र 16 मार्च तक चलेगा. विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों में से 12 का कार्यकाल 5 मई को खत्म हो रहा है. इनमें सपा के 7, बीएसपी के 2, बीजेपी के 2 व रालोद के एक सदस्य हैं. सपा के अखिलेश यादव, नरेश उत्तम पटेल, राजेन्द्र चौधरी, उमर अली खान, मधु गुप्ता, राम सकल गुर्जर व डॉ। विजय यादव का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
अभी परिषद में सपा के 61 सदस्य हैं. सात सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी वह उच्च सदन में बहुमत में रहेगी. अप्रैल के अंत में प्रस्तावित विधान परिषद चुनाव में भी सपा का एक सदस्य सरलता से चुना जाएगा. इस तरह सपा सदस्यों की तादाद 55 हो जाने का अनुमान है.
परिषद में राष्ट्रीय लोकदल के एक मात्र सदस्य मुश्ताक का कार्यकाल भी 5 मई को खत्म होगा. इसके बाद यहां रालोद का कोई सदस्य नहीं रहेगा.बीएसपी नेता सुनील कुमार चित्तौड़ व विजय प्रताप सिंह का कार्यकाल भी 5 मई को खत्म हो जाएगा. चित्तौड़ का कार्यकाल खत्म होने के बाद बीएसपी का नया नेता तय होगा.बीएसपी की सदस्य संख्या 9 से घटकर 7 रह जाएगी. मगर बीएसपी शायद ही कोई विधान परिषद सदस्य जिता पाए. दूसरे दलों की मदद और जोड़तोड़ से वह एक सदस्य जिताने की प्रयास कर सकती है.
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भाजपा को जुलाई 2021 में मिलेगा बहुमत
भाजपा को 100 सदस्यों वाले उच्च सदन में बहुमत के लिए अभी तीन साल इंतजार करना होगा. उसके फिल्हाल13 सदस्य हैं. अप्रैल- मई में 12 सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ। महेन्द्र सिंह ववक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा के दोबारा चुनकर आने की आसार है. यदि बीजेपी के 10 एमएलसी जीते तो उसकी सदस्य संख्या 23 हो जाएगी.
परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020, 12 सदस्यों का 30 जनवरी 2021 व 4 सदस्यों का कार्यकाल 5 जुलाई 2021 को खत्म होगा. इस तरह बीजेपी को जुलाई 2021 तक बहुमत मिल सकेगा.