एजेंसी | आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने संसद के नियम 267 के तहत बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दायर करके मणिपुर के लोगों के लिए एक स्टैंड लिया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. सभी सूचीबद्ध कार्यों को निलंबित करने और मणिपुर राज्य पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाने की चड्ढा की अपील विपक्षी सांसदों की सामूहिक मांग को दर्शाती है, जो बढ़ते संकट पर चिंतित हैं. तमाम पक्षों की ओर से कई बार ‘व्यवसाय के निलंबन’ के नोटिस स्थिति की गंभीरता पर और जोर देते हैं.
चड्ढा ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरा और कहा कि 2017 में पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर कहा था कि जो लोग राज्य में शांति सुनिश्चित नहीं कर सकते, उन्हें मणिपुर पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, “आज जो हो रहा है वह भयानक, वीभत्स, विनाशकारी और 2017 से कहीं अधिक बड़ा है.”
जवाबदेही की मांग करते हुए, चड्ढा ने कहा कि बीजेपी की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले पर चर्चा करे और क्षेत्र में चल रही गतिविधियों के बारे में सदन को सूचित करे. उन्होंने कहा, “मणिपुर की स्थिति डबल इंजन सरकार से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करती है.”
चड्ढा ने मणिपुर में एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को हटाने और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, जिससे एक शक्तिशाली संदेश जाए कि मणिपुर के लोग एक ऐसी सरकार के लायक हैं जो उनकी शिकायतों को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सके और उनकी सुरक्षा व कल्याण सुनिश्चित कर सके. उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार जिम्मेदारी से काम करे. लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दे और मणिपुर में चल रहे संकट को समाप्त करे.