लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा किसी ने कहा कि EVM की सत्यता और पारदर्शिता पर सवाल उठाने का कोई प्रश्न नहीं उठता। EVM 2004 के चुनाव से इस्तेमाल हो रही हैं और 2019 से हमने प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपैट की भी व्यवस्था की है। कोई भी मशीन स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर नहीं आ सकती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वाराणसी में EVM मशीनें ट्रेनिंग के लिए जा रही थीं, एडीएम की ये ग़लती हुई कि उसने राजनीतिक पार्टियों को नहीं बताया कि मशीनें जा रही हैं। मतदान की कोई भी मशीन स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि कोविड-19 फैल रहा था और कुछ राज्यों में सभी का वैक्सीनेशन नहीं हुआ था इसलिए चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया कि शुरू के पहले हफ़्ते में कोई भी रैली, पदयात्रा नहीं होगी सिर्फ डिजिटल रैली और घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं, वो भी सीमित संख्या में।
सुशील चंद्रा ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया बल्कि मैं सभी राजनीतिक पार्टियों और मतदाताओं का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने इसे सही तरीके से समझा। उन्होंने कहा कि सभी 5 राज्यों में कोरोना नियमों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए लगभग 2270 FIR दर्ज़ हुईं। चुनाव आयोग के लिए सभी पार्टियां बराबर हैं और अगर कहीं पर भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा तो चुनाव आयोग तुरंत कार्रवाई करेगा। हमने सख़्त कदम उठाएं हैं।
उन्होंने बताया कि हमने 5 राज्यों में 1900 ऐसे बूथ बनाए जो पूरी तरह महिलाओं के द्वारा आयोजित किए गए थे, ये महिलाओं का सशक्तिकरण था। महिलाएं बड़ी संख्या में भागीदारी करने आईं और इसलिए 4 राज्यों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज़्यादा है और पंजाब में बराबर है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि एक देश, एक चुनाव के लिए संविधान में बदलाव करने की जरूरत होगी, संसद में इसका फैसला होना है कि ये किस तरह से हो सकता है। चुनाव आयोग इसके लिए सक्षम है, इससे 5 साल में केवल एक ही बार चुनाव होगा।