एजेंसी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन (Micron) टेक्नोलॉजी के CEO संजय मेहरोत्रा के साथ बैठक की और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कंपनी को भारत में आने का न्योता दिया। कंपनी ने बयान में कहा कि माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर टेस्ट और असेंबली प्लांट लगाएगी और इसके माध्यम से कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा। माइक्रोन ने कहा कि दो चरणों में विकसित किए जाने वाले इस संयंत्र पर वह अपनी तरफ से 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। बाकी राशि का निवेश भारत की केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार देश में सेमीकंडक्टर विकास को प्रोत्साहन दे रही है। देश में सेमीकंडक्टर चिप की कमी दूर करने के लिए केंद्र 76 हजार करोड़ रुपये की प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) की योजना को भी मंजूरी दे चुका है। साल में 2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर का बाजार का मूल्य 27.2 अरब डॉलर था और सालाना 19% की बढ़ोतरी के साथ 2026 तक इसके 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
इधर एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में साल 2026 तक सेमीकंडक्टर की डिमांड 80 अरब डॉलर से ज्यादा रहेगी। मौजूदा समय में सेमीकंडक्टर के लिए हम चीन, ताइवान, कोरिया जैसे देशों पर निर्भर हैं। अगर प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर अमेरिकी कंपनियां भारत में आती है और सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग करती हैं तो यह देश की इकॉनमी और ऑटो सेक्टर के लिए एक तरीके से वरदान साबित होगा। ऑटो ईई सॉल्यूशन्स के CEO मोरिस जिनीयस का कहना है कि भारत के लिए देश में सेमीकंडक्टर का उत्पादन बहुत जरूरी है। इसके बगैर ऑटो इंडस्ट्री का विकास थम जाएगा। सेमीकंडक्टर के मामले में भारत की स्थिति कच्चे तेल की जैसी है।