लखनऊ – NOI । परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए अब मैदान में नहीं बल्कि बंद कमरे में ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। रिजल्ट भी जल्द आ जाएगा। हालांकि आवेदकों को यह सुविधा कंप्यूटर युक्त सेम्युलेटर सिस्टम स्थापित होने के बाद मिलेगी।
सबसे पहले राजधानी के आरटीओ में यह सिस्टम लगाया जाएगा। परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी कोष मैनेजमेंट कमेटी ने सेम्युलेटर सिस्टम लगाने को हरी झंडी दे दी है। विभाग के 18 मंडलीय एवं गाजियाबाद, नोएडा के आरटीओ में यह सिस्टम लगेगा। इन मंडलीय आरटीओ में लखनऊ, फैजाबाद, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, इलाहाबाद, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, आगरा, बरेली, मेरठ, चित्रकूट, सहारनपुर व मुरादाबाद शामिल हैं।
रोड सेफ्टी कोष मैनेजमेंट कमेटी के अपर आयुक्त गंगा फल के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक ये सेम्युलेटर सिस्टम आरटीओ में स्थापित हो जाएंगे। एक आरटीओ में इसे लगाने पर 40 से 50 लाख रुपये की लागत आएगी। गंगा फल का कहना है कि इस सिस्टम के प्रभावी होने से बिना टेस्ट के डीएल जारी होने पर अंकुश लगेगा। साथ ही दुर्घटनाएं भी कम हाेंगी।
ऐसे देना पड़ेगा टेस्ट
परमानेंट डीएल आवेदकों को वीडियो गेम की तर्ज पर सेम्युलेटर सिस्टम पर बैठकर टेस्ट देना होगा। बाइक और कार का सिस्टम अलग-अलग होगा।
सिस्टम में आगे का हिस्सा बाइक और कार की तरह होगा। आवेदक को सीट पर बैठकर बाइक के हैंडल और कार की स्टेयरिंग, क्लच व ब्रेक के सहारे टेस्ट देना होगा।
टेस्ट के दौरान रोड पर डिवाइडर, सामने से आते वाहन और ट्रैफिक चिन्ह नजर आएंगे। आवेदक टेस्ट देता जाएगा और कंप्यूटर पास-फेल की गणना करता रहेगा। टेस्ट खत्म होते ही कंप्यूटर पास या फेल का नतीजा बता देगा।