28 C
Lucknow
Sunday, March 16, 2025
होम ब्लॉग पेज 1935

थाना मुर्तिह अन्तरगत दुर्गा गौङी बजार मे बच्चो को लेकर हुए विवाद मे महिला समेद चार लोग घायल

0

थाना मुर्तिह अन्तरगत दुर्गा गौङी  बजार मे बच्चो को लेकर हुए विवाद मे महिला समेद चार लोग घायल 

आप लोगो को होली कि तहे दिलसे मुबारकबाद

0

आप लोगो को होली कि तहे दिलसे मुबारकबाद

कोटेदार अनियमितता में लिप्त

0

श्रावस्ती: ग्राम जानकीनगर पो0-सुकइया की सरकारी सस्ते गल्ले का कोटेदार साधूराम गुप्ता खा रहा मोटी मलाई , कैरोसीन, गल्ले, शकर में कर रहा अनियमितता जनता की जुबानी, -1 कार्ड पर मिल रहा दो ली0 कैरोसीन, सफेद कार्ड पर गल्ला कम दे रहा है, जनता को कोटे की शकर नही मिली कई सालो से

संजय दत्त के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

हिन्दी सिनेमा की शान समझे जाने वाले संजय दत्त को उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1993 के मुंबई बम विस्फोट के दौरान अवैध रूप से हथियार रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई है. सच यह है कि संजय दत्त की जिंदगी किसी बिगड़े  हुए रईसजादे से ठोकर खाकर संभले हुए व्यक्ति और अनुभव के साथ सुलझे हुए अभिनेता बनने तक की कहानी है. आइए जानते हैं संजय दत्त के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें:

 

Read:चकाचौंध नहीं आज भी यहां अंधेरी गलियां हैं

 

 

संजय दत्त का जन्म अपने समय के स्टार एक्टर सुनील दत्त और नर्गिस दत्त के घर 29 जुलाई, 1959 को हुआ था और बचपन से ही वो अपने परिवार के लाडले थे. संजय की पढ़ाई लॉरेन्स स्कूल सनावर में हुई थी. संजय की जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया था जब उन्होंने अपनी मां नर्गिस को हमेशा के लिए खो दिया था.

 

 

 

 

संजय दत्त ने 1972 में चाइल्ड एक्टर के रूप में फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की थी. रॉकी के बाद ‘नाम’ जैसी इक्का-दुक्का फिल्मों को छोड़कर संजय दत्त को कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी लेकिन 1993 में रिलीज हुई खलनायक सुपरहिट रही और यही वो समय था जब संजय दत्त बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए थे. साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले और संजय दत्त को इस फिल्म से नई छवि मिली.

 

 

 

 

संजय दत्त का कहना था कि 12 मार्च, 1993 के बम धमाकों से पहले मुंबई में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. उस दौरान उनके पिता सुनील दत्त ने पीड़ित लोगों की मदद की थी. उसी में कुछ लोगों ने जब सुनील दत्त का विरोध किया, तो पुलिस ने सुनील के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी. उसी दौरान उन्हें लगा कि पब्लिक उन्हें कभी भी निशाना बना सकती है. अपना यह डर उन्होंने दुबई में डी कंपनी के लोगों से जब शेयर किया, तो मैग्नम म्यूजिक कंपनी के मालिक समीर हिंगोरा और हनीफ कडावाला के जरिए डी कंपनी ने उनके घर हथियार भिजवाए थे और यहीं से उन्होंने अपने घर हथियार रखने का सिलसिला शुरू किया.

 

 

 

पहली बार संजय दत्त 19 अप्रैल, 1993 को जेल गए थे. लेकिन 18 दिन के अंदर ही उनको जमानत भी मिल गई थी. 4 जुलाई, 1994 को संजय दत्त को दूसरी बार जेल जाना पड़ा था क्योंकि अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी और जिसके बाद वो 12 महीने 18 दिन जेल में रहे थे.

 

Read:सब किस्मत की माया है !!
संजय दत्त को सबसे पहले प्यार हुआ बॉलिवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित से लेकिन फिर हथियारों के केस में संजू बाबा की ऐसी नैया डूबी कि माधुरी ने भी उनसे किनारा कर लिया. मां की मौत ने संजय दत्त को नशे के अंधेरे में धकेल दिया तो माधुरी से अलग होने के दर्द को उन्होंने अन्य लड़कियों से दिल लगाकर पूरा किया. माधुरी और संजय ने बहुत सी सुपरहिट फिल्में एक साथ की थीं जैसे खलनायक, साजनथानेदारकानून अपना अपना.

 

 

 

 

संजय दत्त ने हमेशा से इस बात से मुंह मोड़ा है कि माधुरी और उनके बीच अफेयर था. वो तो अपना पहला अफेयर टीना मुनीम को मानते हैं हालांकि यह अफेयर ज्यादा दिनों तक नहीं चला. टीना ने राजेश खन्ना के लिए संजय दत्त को छोड़ दिया था और बाद में उद्योगपति अनिल अंबानी से शादी कर ली. टीना मुनीम से अलग होने के बाद साल 1989 में संजय दत्त की शादी अभिनेत्री ऋचा शर्मा से हुई थी लेकिन 1996 में ब्रेन कैंसर से ऋचा की मौत हो गई. इसके बाद संजय दत्त का अफेयर सुपर मॉडल लीजा रे के साथ चला था. लीजा रे उस समय एक बड़ी मॉडल हुआ करती थीं और संजय दत्त एक सफल अभिनेता. पर दोनों का अफेयर बहुत कम दिनों तक चला.

 

 

 

 

साल 1998 में संजय दत्त ने मॉडल रिया पिल्लै से दूसरी शादी की लेकिन यह शादी भी 2005 में तलाक के साथ खत्म हो गई.  साल 2008 में संजय दत्त ने मान्यता से शादी की जो उनकी दोस्त थीं. संजय दत्त के उनकी तीसरी पत्नी मान्यता से दो जुड़वा बच्चे हैं.

 

दिग्गी बोले संजय की हरकतें बचकाना थीं

0

नई दिल्ली। संजय दत्त के बचाव में उतरने वाले लोगों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें नया नाम दिग्विजय सिंह का है। दिग्विजय ने संजय दत्त के बचाव में कहा है कि वह कोई आतंकी नहीं हैं, वह उनकी की बचकाना हरकत थी। उधर, मनसे के राज ठाकरे ने भी संजय दत्त का बचाव करते हुए कहा है कि संजय आतंकी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संजय दत्त ने तो इस मामले में सजा भी भुगता लेकिन मुंबई हमले के मुख्य आरोपी दाऊद और टाइगर मेमन पाकिस्तान में बैठ मौज उड़ा रहे हैं।

यहां पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1993 में माहौल खराब था, उसी दौरान संजय से बचकाना हरकत हो गई। उन्होंने कहा कि संजय दत्त को लगता था कि मुस्लिमों को समर्थन देने की वजह से उनके पिता निशाने पर हो सकते हैं, शायद इसी वजह से उन्होंने यह गलत काम किया।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि संजय दत्त ने जो गलती की उसका खामियाजा भी भुगता, वह 18 महीने जेल में रहे

बलात्कार पीड़ित के भ्रूण को एम्स को रखना होगा सुरक्षित

0
बलात्कार पीड़ित के भ्रूण को एम्स को रखना होगा सुरक्षित

बलात्कार पीड़ित के भ्रूण को एम्स को रखना होगा सुरक्षित

 

नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बलात्कार के कारण गर्भवती हुयी महिला को गर्भपात की अनुमति देते हुये एम्स को भ्रूण सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।

 

आ गया समय..सचिन बाय-बाय कहने को तैयार!

0

sachin_tendulkarनई दिल्ली। अगर आप सचिन तेंदुलकर के फैन हैं, अगर आप भारतीय क्रिकेट के दीवाने हैं और अगर आप आखिरी बार क्रिकेट के भगवान को मैदान पर उतरते देखना चाहते हैं तो दिल्ली का फिरोजशाह कोटला मैदान आपका इंतजार कर रहा है। जी हां, एक बार फिर अटकलें जोरों पर हैं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा और अंतिम मैच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का विदाई टेस्ट हो सकता है। अफवाहों का बाजार गर्म है कि मास्टर बल्लेबाज बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारत की ऑस्ट्रेलिया पर 4-0 से जीत दर्ज करने के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं जिसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हमेशा के लिए सचिन तेंदुलकर दूरी बना लेंगे।

इससे पहले वनडे क्रिकेट को मैदान से बाहर अलविदा कहने वाले तेंदुलकर के पास टेस्ट को अलविदा कहने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता। क्योंकि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया पर जीत का जश्न मना रही होगी। इस दौरान तेंदुलकर मैदान पर अपने प्रशंसकों की मौजूदगी में अलविदा कह सकते हैं। ऐसी अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं क्योंकि सचिन तेंदुलकर अप्रैल में 40 बरस के हो जाएंगे और दिल्ली टेस्ट के बाद भारत अगली टेस्ट सीरीज दक्षिण अफ्रीका के साथ खेलेगा जो लगभग आठ महीने बाद नवंबर-दिसंबर में खेली जाएगी। तेंदुलकर कई बार कह भी चुके हैं कि जब उन्हें क्रिकेट खेलते हुए मजा आना बंद हो जाएगा तो वह इससे अलग हो जाएंगे। इससे एक बात तो साफ है कि अभी वह इसमें मजा ले रहे हैं, लेकिन सचिन का बल्ला उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं चल रहा है। उन्होंने आखिरी शतक दो साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर लगाया था। इस सीरीज में भी मास्टर ब्लास्टर के बल्ले से जिस तरह की आशा की जा रही थी वह पारी अभी देखने को नहीं मिली है।

एक एंगल यह भी है कि मुमकिन है कि सचिन भारतीय जमीन पर अपना आखिरी टेस्ट खेलने उतरेंगे क्योंकि टीम इंडिया इसके बाद सीधे दिसंबर में कोई टेस्ट मैच खेलेगी और वह सीरीज दक्षिण अफ्रीका में होगी। अटकलें यह भी हैं कि सचिन अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद दक्षिण अफ्रीका में ही संन्यास ले लेंगे। तेंदुलकर के प्रशंसक भी उन्हें 200 टेस्ट खेलते देखना चाहते हैं। वह अब तक 197 टेस्ट खेल चुके हैं और इस सीरीज के खत्म होने के साथ वह 198 टेस्ट खेल चुके होंगे।

93 ब्लास्ट केस: संजू बाबा को पांच साल की सजा, जाएंगे जेल

0

sdjailनई दिल्ली। मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गुरुवार का दिन बेहद अहम रहा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराए गए सौ दोषियों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। वहीं अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को आ‌र्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई है। संजय दत्त इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बैंच में अपील दायर करेंगे।

गौरतलब है कि वह इस अपराध के लिए लगभग डेढ़ वर्ष की सजा पहले ही काट चुके हैं। अब फैसले के बाद उन्हें साढ़े तीन वर्ष और जेल की सलाखों के अंदर गुजारने होंगे। फैसले के बाद अब संजय दत्त को चार सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा।

संजय दत्त की पूरी कहानी के लिए क्लिक करें

फैसला सुनाने के दौरान संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त कोर्ट में मौजूद थीं। फैसले के बाद वह काफी दुखी दिखाई दीं। वहीं संजय इस दौरान मुंबई में अपने घर पर ही मौजूद थे। कानून के जानकारों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब संजय के पास दो ही विकल्प हैं, पहला तो यह कि वह या तो सरेंडर कर बाकि बची साढ़े तीन साल की सजा को काट लें, दूसरा विकल्प है कि वह लार्जर बैंच के समक्ष इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करें। फैसला सुनने के बाद प्रिया दत्त सीधे अपने दिल्ली स्थित सरकारी निवास चली गई। उन्होंने कहा कि वह इस वक्त कुछ नहीं कह सकती हैं।

तस्वीरों में देखें 1993 ब्लास्ट की दर्दनाक दास्तां

मुंबई के 1993 बम धमाके वाले मामले में कोर्ट के अन्य फैसले :-

– कोर्ट ने याकूब मेमन को हमले का सबसे बड़ा दोषी मानते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है।

– कोर्ट ने याकूब को इन 1993 में मुंबई बम धमाकों का षडयंत्र रचने हथियार और धन मुहैया कराने का दोषी पाया है।

– कोर्ट ने अन्य दस दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तबदील कर दिया है।

– कोर्ट ने बीस दोषियों में से सत्रह लोगों को मिली उम्रकैद की सजा को भी बरकरार रखा है।

– एक दोषी की उम्रकैद की सजा को दस वर्ष की सजा में तबदील कर दिया है।

– कोर्ट ने माना कि हमले के मास्टरमाइंड ने इन लोगों की मजबूरी और गरीबी का फायदा उठाकर यह सब काम करवाया था।

– कोर्ट ने दो लोगों को मामले से बरी कर दिया है।

– इस मामले में निचली अदालत ने कुल बारह दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।

– कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि वह सजा के खिलाफ कोई याचिका स्वीकार नहीं करेगी।

– कोर्ट में फैसले के बाद दुखी दिखाई दीं संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त।

– टाडा कोर्ट के तहत संजय को अवैध हथियार रखने के जुर्म में छह वर्ष की सजा सुनाई थी।

– संजय दत्त इस मामले में 18 माह जेल में बिता चुके हैं।

– 12 मार्च 1993 को हुए मुंबई में 13 धमाकों में 257 की मौत हुई थी और 713 घायल हुए थे।

– टाडा कोर्ट ने इस मामले में 12 को फांसी और 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

– टाडा कोर्ट ने नवंबर 2006 में अवैध तरीके से 9 एमएम की पिस्टल और एके-56 राइफल रखने के आरोप में दत्त को छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन मुंबई बम धमाकों की आपराधिक साजिश रखने के आरोप से बरी कर दिया था।

बच गए बेनी क्योंकि मान गए मुलायम?

0

akhilesh-mulayamनई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद की केंद्रीय राजनीति पर अभी से नजरें गड़ाए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के तेवर बुधवार को अचानक बदल गए। संप्रग सरकार से द्रमुक की समर्थन वापसी होते ही मुलायम हर हाल में अपने पुराने दोस्त बेनी प्रसाद वर्मा की केंद्रीय मंत्रिमंडल से ‘बलि’ चाहते हैं। पार्टी को इससे कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है। चाहे सपा को देर-सबेर कुछ भी फैसला करना पड़े। लेकिन मुलायम सिंह यादव का आज रूख बदला-बदला नजर आया। सपा संसदीय दल की बैठक के बाद मुलायम ने कहा कि मुझे देखकर लगता है क्या कि मैं नाराज हूं?

beni-prasad-vermaमुलायम सिंह यादव पर आतंकवादियों से संबंधों से लेकर केंद्र को समर्थन के बदले कमीशन लेने तक के जिन आरोपों को सपा ने मंगलवार को भुला दिया था, बुधवार को पार्टी ने उसी मसले पर संसद नहीं चलने दी। पार्टी के लिए बेनी का अपने बयान पर खेद बेमायने है। सपा के एक रणनीतिकार ने कहा, बेनी मामला फिर से मुद्दा बना है तो वह उनके अनमने खेद के लिए नहीं, बल्कि उनकी बर्खास्तगी के लिए है। ऐसा नहीं हुआ तो सरकार और सपा के रिश्ते खराब होने ही हैं, उसमें समय भले ही लगे। मुलायम गुरुवार को संसद भवन में सपा संसदीय दल की बैठक में बताएंगे कि पार्टी सांसदों को सरकार के साथ क्या बर्ताव करना है। इससे पहले सपा सांसदों को इस पर बोलने की मनाही है।

मुलायम बेनी के आरोपों को मुद्दा बनाकर एकसाथ दो निशाने साधने में जुट गए हैं। एक, 34 साल की दोस्ती व राजनीतिक सहयोगी रहने के बाद भी पांच साल से हमलावर बेनी से वह पुराना हिसाब चुकता करना चाहते हैं। मंशा, उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर लाना और सोनिया व राहुल की नजर में बेनकाब करना है। दो, केंद्र में आगे की राजनीति के संभावित दोस्तों की तलाश की शुरुआत भी इसी बहाने अभी से करनी है। बुधवार को मुलायम और राकांपा प्रमुख शरद पवार की भेंट भी इसी रोशनी में हुई है। सपा के इस गणित के पीछे उसकी वह सोच भी काम कर रही है, जिसमें वह अगला लोकसभा चुनाव समय से पहले चाहती है। ऐसा होने पर वह उत्तर प्रदेश में अपना फायदा देख रही है। प्रदेश में सपा की सरकार है। चुनाव अगले साल व समय पर होने की स्थिति में उसे नुकसान का अंदेशा है।