नई दिल्ली (NOI)। नोटबंदी के बाद सरकार ने जिस तरह से नियमों में बदलाव कर लोगों को कैशलैस होने और प्लास्टिक मनी का उपयोग बढ़ाचढ़ा कर करने का प्रचार किया था उसका लोगों ने भी खुल कर पालन किया। लेकिन अब पेट्रोल पंप पर प्लास्टिक मनी का उपयोग करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल, पेट्रोल पंप मालिक बैंंकोंं द्वारा ट्रांजेक्शन फीस लिए जाने को लेकर सख्त नाराज हैंं। इसलिए उन्होंने सोमवार से प्लास्टिक मनी को स्वीकार न करने की धमकी तक दे डाली है। ऐसे में उनके ग्राहकों को नोट के लिए धक्के खाने पड़ सकते हैं। वह भी ऐसे समय में जब एटीएम में अभी स्थिति पहले की ही तरह बरकरार है।
एक अंग्रेजी अखबार ने मंत्रालय के हवाले से लिखा है कि अभी तक मंत्रालय को बैंकों द्वारा इस तरह के ट्रांजेक्शन पर लेवी लगाए जाने के आदेश की कोई जानकारी नहीं है। एक अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय ने बैंंकों को मौजूदा समय की परेशानी को देखते हुए पेट्रोल पंप मालिकों से प्लास्टिक मनी के उपयोग के बदले लेवी न लिए जाने की की बात कही है।
अधिकारी के मुताबिक सरकार ने बैंकों से स्थिति सामान्य होने तक लेवी न लिए जाने को कहा है। गौरतलब है कि प्लास्टिक मनी को पेट्रोल पंप पर स्वीकार न करने की बात उस वक्त सामने आई है जब सरकार ने इस सुविधा पर 0.75 फीसद कैशबैक का ऑफर दिया हुआ है। आईसीअाईसीआई समेत एचडीएफसी और एक्सेस बैंक ने शनिवार रात को ही प्लास्टिक मनी के उपयोग पर सरचार्ज लगाए जाने की जानकारी सभी पेट्रोल पंपों को दी थी।
गौरतलब है कि देशभर में करीब 56,190 पेट्रोल पंप हैं जिसमें प्राइवेट पेट्रोल पंप कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें से करीब साठ फीसद पेट्रोल पंपों पर एचडीएफसी और आईसीआईसीआई की स्वाइप मशीनें हैं जबकि अन्य पर दूसरे बैंक की मशीनें मौजूद हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि हम सभी अपने निर्णय पर कायम है और रविवार रात से किसी भी पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वीकार नहीं किए जाएंगे।