लखनऊ,दीपक ठाकुर। उत्तर प्रदेश विधान सभा मे बजट सत्र के दौरान देखे गए सफेद पाऊडर को लेकर असमंजस की स्थिति बनती नज़र आ रही है सरकार ने जिसे प्राम्भिक जांच के बाद विस्फोटक बतया था उसी को साधारण पाऊडर बताया जा रहा है वो भी उनके द्वारा जिनके पास ये जांच के लिए भेजा गया था अब देखिए क्या है अभी तक का मामला।
सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके अनुसार आगरा फॉरेंसिक लैब की एक्सप्लोसिव रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायक की सीट के नीचे से मिले पाउडर में विस्फोटक नहीं है जिसकी जांच लैब के चार वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम ने की है। लैब के डिप्टी डायरेक्टर एके मित्तल की देखरेख में इस पाउडर की जांच हुई है। लैब रिपोर्ट के मुताबिक, पाउडर में किसी भी विस्फोटक के कण नहीं मिले हैं। इस जांच टीम में विस्फोटक जांच के एक्सपर्ट भी शामिल थे।
विधानसभा में ये विस्फोटक मिलने की जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने इसके नमूने आगरा और हैदराबाद भेजे थे। आगरा की लैब ने अपनी रिपोर्ट पुलिस के बड़े अफसरों को भेजी है। अब सरकार की किरकिरी होते देख अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और रिपोर्ट नहीं मिलने का बहाना कर रहे हैं।
यूपी सरकार ने कहा है कि यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को जांच के लिए आगरा की फ़ॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में भेजा ही नहीं गया था, क्योंकि उनके पास ये टेस्ट करने की सुविधा ही नहीं है। सरकार का कहना है कि लखनऊ की फॉरेंसिक साइंस लैब ने 14 जुलाई को की गई शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी।
यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक आतंकी साजिश का हिस्सा बताया था। उन्होंने इस घटना की जांच एनआईए से कराने की बात कही थी। योगी ने कहा था कि एनआईए से इस घटना की जांच कराने के बाद अपराधी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एनआईए और यूपी एटीएस इस मामले की जांच कर रही हैं।
चलिये आगरा से आई सूत्रों के हवाले से इस खबर पर भरोसा कर लिया जाए तो बेहतर होगा इससे ये शंका तो मिट ही जाएगी के हमारी विधानसभा आतंक के साये में है और दूसरी बात वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी इसी बहाने चौकस की जा रही है मतलब जो हुआ वो विधानसभा की लचर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक सबक था और जो नही हुआ वो और भी अच्छा जिससे ये पता चला कि उत्तर प्रदेश अभी आतंक फैलाने वालों से महफूज़ है।