अगर सर्वें कराया जाए कि किस राजनेता या पार्टी ने रात-दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है? जवाब आम आदमी पार्टी (आम) के सुप्रीमो व दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पक्ष में आए, तो कोई अचरज नहीं। इसके बावजूद गुजरात चुनाव में आप पार्टी क्या भाजपा का परोक्ष रुप से सहयोग नहीं कर रही?
आप ने जिन 11 निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारे हैं उनमें से अधिसंख्य कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं। ये क्षेत्र हैं बापू नगर, उंझा, दानिलिमडा, गौंजल, लाठी, पाडरा, करजान, परडी, उदयपुर और पश्चिम-राजकोट।
भाजपा को लाभ की संभावना
गुजरात में आप के 150 उम्मीदवार उतारने की संभावना थी, लोकिन ऐसा नहीं हुआ। आप ने जिन 11 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी उतारे हैं उनमें से अधिसंख्य में कांग्रेस के विधायक है। ऐसे में आप प्रत्याशी कांग्रेस के वोट ही काटेंगे। भाजपा के काडर व समर्थक वोटों पर आप किसी भी रुप में सेंधमारी नहीं कर सकती।
आप की राजनीति के तहत निम्न आय वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग के मतदाताओं को टारगेट बनाते हैं। इसमें पिथड़ा और दलित वर्ग भी शामिल है और यही मतदाता कांग्रेस का वोट बैंक रहा है। यानी कांग्रेस के वोट बैंक में आप सेंध लगाने की कोशिश करेगी इससे कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा होना तय है।
आप नेता भी मानते हैं यह सच्चाई
बेशक आप उम्मीदवार कांग्रेस को अधिक नुकसान ना पहुंचा सके, लेकिन थोड़ा-सा भी नुकसान भाजपा उम्मीदवार को विजय दिला सकता है। ऐसे में सत्ता के करीब पहुंचने का कांग्रेस का लक्ष्य दूर हो सकता है। आप नेता गोपाल राय खुद मानते है कि पार्टी ने उम्मीदवार उन क्षेत्रों पर उतारे हैं जहां भाजपा कमजोर है।
सवाल उठता है कि आप ने उन क्षेत्रों को लक्ष्य क्यों नहीं किया जहां भाजपा का राज है? वैसे आप की हैसियत यह नहीं कि वो भाजपा को भारी नुकसान पहुंचा सके, लेकिन कुछेक फीसद वोट का इधर से उधर होना चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करता है।