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Tuesday, September 17, 2024

फिरोजाबाद- – वैष्णो देवी धाम एवं कैला देवी मनिदर से तीर्थ स्थल बनी सुहागनगरी

Kaila Devi13

वैष्णो देवी धाम एवं कैला देवी मनिदर से तीर्थ स्थल बनी सुहागनगरी

 

फिरोजाबाद- प्रसिद्ध काँच एवं चूड़ी उधोग की सुहाग नगरी हनुमान गढ़ परिसर में सिथत राज-राजेश्वरी कैला देवी मनिदर एवं उसायनी सिथत श्री वैष्णों देवी धाम मनिदर के कारण अब प्रमुख तीर्थ स्थल एवं आस्था के केन्æ बन गर्इ हैं। जहाँ हजारों श्रद्धालु मनौती माँगने आते हैं। इन दोनों मनिदरों में 11 अप्रैल से माता के भक्तों का तांता लगा है।
हनुमान गढ़ सिथत रामलीला परिसर में कैला देवी मनिदर का शिलान्यास 28 दिसम्बर 1981 को हुआ। मनिदर के भव्य भवन में माता रानी की प्रतिमायें 23 मार्च 1991 को प्रतिस्थापित हुर्इं थीं। इस मनिदर में माता की ज्योति राजस्थान करौली जनपद सिथत माँ कैला देवी भवन से श्रद्धालु पैदल लेकर आये थे। आज मनिदर को 22 वर्ष हो चुके हैं और मनिदर में आने वाले भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। मान्यता है कि सच्चे मन से मर्इया रानी के दरवार में अर्जी लगाने पर भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है। तभी तो हर नवरात्रि महोत्सव पर नेजा, पोशाक, प्रसाद चढ़ाने वालों का तांता लगा रहता है। दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु आते हैं। और मनौती माँग कर जाते हैं।
वहीं उसायनी सिथत श्री वैष्णों देवी धाम भी दिनों दिन आस्था और भक्त का अनूठा केन्æ बनता जा रहा है। यहाँ पर गुफा में होकर भक्तों को जाना पड़ता है। यहाँ के दर्शन कर भक्त अपने आप को कृताज्ञ कर रहा है। उसायनी पर 14 मार्च 2004 को जम्मू कटरा सिथत वैष्णों देवी धाम के महन्त गोपालराय शर्मा ने यहाँ सिलान्यास किया था। जनवरी 2010 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया। इसके बाद ट्रस्ट कमेटी के 11 सदस्य कटरा से माता की अखण्ड ज्योति लेकर यहाँ आये। 501 फुट लम्बी गुफा के शुरू में ही शिव दरवार, चोले वाले हनुमान जी, वैष्णों देवी माता की चरण पादुका, अर्धकुमारी में नौदेवी मनिदर के दर्शन होते हैं। गुफा के शुरूआत में त्रिशूलधारी कर्इ फुट लम्बे शेर हैं। 16 फरवरी 2010 को सबसे पहले कपाट खुले थे। इस समय दोनों मनिदरों में अपार भीड़ श्रद्धालुओं की उमड़ रही है।

 

 

 

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