लखनऊ । ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को गोहत्या और तीन तलाक को गैर इस्लामी मानते हुए इसे हराम करार दिया। बोर्ड ने अवैध बूचड़खाने बंद कराने के योगी सरकार के फैसले को भी सही ठहराया है। बोर्ड ने अयोध्या मामले में कोर्ट से अलग आपसी बातचीत के विकल्प को तरजीह दी है।
शिया पीजी कॉलेज में हुई बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक की अध्यक्षता मिर्जा मोहम्मद अशफाक ने की। बैठक में देशभर से आए उलमा ने बोर्ड के फैसलों व प्रस्तावों पर एकजुट होकर सहमति जताई। प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ‘इराक के उलमा शेख बशीर नजफी व पूर्व के शिया धर्मगुरु के सभी फतवों में गाय का मांस हराम बताया गया है। उन्होंने फतवों का हवाला देते हुए कहा कि गाय की हत्या करना व उसका मांस सेवन इस्लाम में हराम है क्योंकि इस्लाम किसी भी धार्मिक आस्था से जुड़े मामले में दखलअंदाजी व धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के काम को गलत मानता है। हिंदुस्तान में गाय हिंदू धर्म में पूजनीय है। जिस तरह शिया समुदाय की आस्था जुलजनह (हजरत इमाम हुसैन के घोड़े) से है, वैसे ही हिंदू धर्म की आस्था गाय से है। लिहाजा गोहत्या पूरी तरह हराम है।
अवैध बूचड़खाने से मांस खरीदना भी हराम
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी ने प्रदेश में अवैध बूचड़खाने बंद कराने के प्रदेश सरकार के फैसले का इस्तकबाल किया। मौलाना यासूब अब्बास ने अवैध स्लॉटर हाउस बंद कराने के योगी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि अवैध बूचड़खाने से मांस खरीदना भी हराम है।
सती प्रथा की तरह तीन तलाक के खिलाफ बने सख्त कानून
बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ‘तीन तलाक के खिलाफ सती प्रथा की तरह सख्त कानून बने। ताकि किसी को चाय में शक्कर कम होने और लड़की पैदा होने पर इसका शिकार न होना पड़े।
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के दौर में इस्लाम में तीन बार तलाक का कोई मामला सामने नहीं आया है। तो फिर मुसलमान कैसे तीन तलाक के नाम पर बच्चियों की जिंदगी से खेल रहे हैं। इस पर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी तरह मोदी सरकार के साथ है।’
साथ ही मौलाना ने केंद्र की मोदी सरकार से सच्चर कमीशन की तर्ज पर मुसलमानों में शिया समुदाय का अलग सर्वे कराने की भी मांग की क्योंकि देश के तकरीबन छह करोड़ शिया मुसलमानों को सच्चर कमीशन की रिपोर्ट में नजरअंदाज किया गया है।
धर्म में सियासत का हुआ विरोध
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने धर्म में सियासत के दखल का विरोध किया है। बोर्ड का कहना है कि देश में कोई भी मामला धर्म के आधार पर आसानी से तय किया जा सकता है और भी होता रहा है। लेकिन जब-जब देश में धर्म के मामले में सियासत हुई है, देश को भारी नुकसान हुआ है।
बोर्ड की प्रमुख मांगें व प्रस्ताव
तीन तलाक के खिलाफ सख्त सजा देने के लिए देश में कानून बने।
धार्मिक मामलों पर सियासत न हो।
अयोध्या विवाद को आपसी बातचीत से हल किया जाए।
सच्चर कमेटी की तर्ज पर शिया समुदाय का अलग शैक्षिक व आर्थिक सर्वे कराया जाए।
शिया समुदाय को अल्पसंख्यक योजनाओं में अलग आबादी के मुताबिक हिस्सेदारी दी जाए।