सीतापुर-अनूप पाण्डेय, राकेश पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के हरगांव थाना अंतर्गत ब्लेड युक्त तारों में फंसकर लगातार निरीह जानवरों के मरने उनके घायल होने का मामला संज्ञान में आया है।
प्राचीन सूर्यकुंड तीर्थ के पूरब की ओर विनोद धर्म कांटा के पीछे बसे मोहल्ला निवासी एवं किराना व्यापारी मनसुखा ने बताया कि समीप के खेत वाले अपने खेतों मैं लगी फसल की सुरक्षा हेतु खेत के चारों ओर ब्लेड वाले तार लगा रखे हैं जिनमें फंसकर निरीह जानवर कट कर घायल हो रहे हैं एवं उनके घाव में कीड़े पड़ कर अचानक वह मौत के मुंह में चले जा रहे हैं। इन निरीह जानवरों की मौत पर जिम्मेदार प्रशासन/ गौ रक्षा सेवा समिति के पदाधिकारी मौन धारण किए हुए हैं।
किराना व्यापारी मनसुखा ने बताया कि निरीह आवारा जानवरों के घायल होने की जानकारी मिलती है तो यथासम्भव उनकी सेवा की जाती है उन घायल जानवरों से काफी दुर्गन्ध आने लगती है जिससे मोहल्ला वासियों को खासी परेशानी होती है। ब्लेड वाले तारों से घायल होकर तीन जानवरों की अचानक मौत हो चुकी है , उन्हें स्थानीय ठेकेदार को फोन करके उठवाया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार ब्लेड वाले तारों को लगाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है फिर भी खेत मालिक अपनी फसल की सुरक्षा हेतु हठधर्मिता कर ब्लेड वाले तार लगाये हुये हैं ।
किराना व्यवसायी मनसुखा सहित जिम्मेदार नागरिकों ने प्रशासन से खेतोँ में लगे ब्लेड वाले तारों को हटवाने की मांग की है।
इस सम्बन्ध में वार्ता करने पर भाजपा नेता एवं कुशल समाजसेवी लवकुश शुक्ला ने बताया कि यह निरीह अवारा जानवर हम सभी के हैं इन जानवरों को मोदी जी और योगी जी लेकर नहीं आए हम सभी को चाहिए अपने अपने जानवर अपने अपने कब्जे में रखें और उन्हें आवारा न छोड़ें उन्होंने यह भी बताया कि आवारा छोडे गये/ छोडे जा रहे पशुओं से किसानों का तो नुकसान होता ही है, साथ ही दुर्घटना का साया भी प्रतिपल मडराया करता है। शासन को इस सम्बन्ध में नीति बनानी चाहिये शासन को चाहिये कि समस्त पालतू पशुओं के साथ आवारा पशुओं की कोडिंग कराये टैगिंग कराये व उन्हें अपने रिकार्ड में दर्ज करे, उसके बाद यदि कोई पालतू पशु आवारा छोडा जाये, तो उस पशु मालिक के विरुद्ध कडी कार्यवाही की जाये। वर्तमान में प्रत्येक पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को अनिवार्य रूप से एक एक अवारा गाय अवश्य उपलब्ध करायी जाये । पात्र गृहस्थी कार्ड धारक के फोटो के साथ साथ उसे दी गई गाय का भी फोटो लगाया जाए और उसे आधार कार्ड से लिंक किया जाये ।
साथ ही उन गायों के मरने पर शासन उन्हे 21 सौ रुपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराये। शासन यदि इस नीति को अपनाये , तो फिर देखो सड़क पर खेतों में घूम रहे आवारा जानवर को लोग ढूंढ ढूंढ कर अपने दरवाजे पर बांध लेंगे।
समाजसेवी शुक्ला जी ने उक्त नीति को अपनाने की मांग शासन से की है ताकि क्षेत्र में कोई भी आवारा पशु ना रहे।