जबरन आशा के परिजन सुलह समझौता कराने का बनाया दबाव।
सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेस के सीतापुर जनपद में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं का लंबे समय से खेल चल रहा है जिसमें जच्चे बच्चे की जान आए दिन जा रही हैं मगर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्यवाही शून्य रहती है।
आपको बताते चलें सीतापुर जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैराबाद क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर में 12 सितंबर को मिश्रीख क्षेत्र की रहने वाली पूजा पत्नी सरोज अपने मायके रायपुर में आई थी पूजा 9 महीने की प्रग्नेंट थी अचानक तबियत बिगड़ गयी तो नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर ले गए जहाँ आशा रानी शुक्ला निवासी रॉयपुर स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया मगर आशा रानी ने बहला फुसलाकर झोला छाप डॉक्टर के पास ले गयी डॉक्टर ने परिजनों से पैसा भी जमा कराया मगर 2 घण्टे में जच्चे बच्चे की मौत हो गई मौत के बाद परिजनों ने हंगामा काटा तो मौके पर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज कर जांच पड़ताल कर मुकदमा दर्ज कर लिया।
वहीं मृतका के पति सरोज ने आरोप लगाया है कि जब मुकदमा दर्ज हो गया तो रायपुर के प्रधान प्रतिनिधि ने परिजनों को डरा धमका कर 1 लाख रुपये लेकर सुलह समझौता करने को कहा और सादे कागज पे हस्ताक्षर लेलिये जिसके बाद परिजन ने फिर से थाना कमलापुर में फिर से तहरीर दी है ।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आशा पर कोई भी कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है सवाल यह खड़ा होता है क्या स्वास्थ्य विभाग आशाओं को इतनी छूट दे रखा है कि सरकारी अस्पताल से झोलाछाप डॉक्टरों के पास 50% कमीशन पर मरीजों को बेच देती हैं और झोलाछाप डॉक्टर मरीज की जान से खिल जाते हैं।