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Friday, December 27, 2024

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष: योग, योगी और पीएम मोदी


नई दिल्ली। योग था योगी थे और पीएम मोदी थे मौकै था अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का जब देश की राजनीति में अहम किरदार निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योग करते नजर आ रहे थे। सूबे की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में 50 हजार लोगों की भारी भीड़ के बीच तेज बारिश के झोकों के साथ योग की गति से रंगा पूरा समा एक अद्भुत अद्वितीय नजारा दिखा रहा था।

योग की ये क्रांति देश की राजधानी दिल्ली से लेकर न्यूयॉर्क तक साफ देखी गई है। 21 दिसम्बर 2014 को योग को अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के तौर पर 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ ने जब मनाने का निर्यण लिया तो ये सब केन्द्र की सरकार और प्रधानमंत्री के प्रयासों की देन था। 11 सितम्बर 2014 को ही अपने सयुंक्त राष्ट्र संघ में सम्बोधन के दौरान पीएम मोदी ने योग को लेकर एक प्रस्ताव रखा था।

मौकायोग था योगी थे और पीएम मोदी था अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा पूरा मंत्रिमंडल और राज्यपाल रामनाइक एक साथ मंच पर योग करते दिख रहे थे। इस दौरान मंच पर पहुंचे मोदी तो बारिश ने एक बार रास्ता रोक लिया।

लेकिन 50 हजार लोगों की व्यापक भीड़ और योग को लेकर उत्साह ने एक बार ऊर्जा का संचार किया तो बारिश की थपेड़े भी कम नजर आने लगे। अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने लोगों का लखनऊ की धरती से अभिवादन करते हुए कहा कि योग स्वस्थ तन, मन और दिमाग के साथ शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।

इसके साथ ही योग जीवन जीने की कला को भी सिखाता है। योग जीरो कॉस्ट हेल्थ इंश्योरेंस है। जैसे जीवन में नमक अति महत्वपूर्ण है उसी तरह योग के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। योग को अब हमें अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनना होगा। योग ने तीन सालों में देश ही नहीं विदेशों तक अपना विस्तार किया है।

बीते तीन सालों में योग शिक्षकों की मांग इस बात का बड़ा सबूत है। इस दौरान हो रही बारिश पर पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि योग के हर क्षण का उपयोग जीवन में होता है। लेकिन योग की मैट का उपयोग आज लखनऊ वासियों ने हमें भी सिखा दिया है। इसके बाद मंच से लेकर मैदान में मौजूद लोगों में ठहाके गूंज गये।

योग विश्व का नया जॉब मार्केट बना है

योग को लेकर जो क्रांति बीते 3 सालों में आई है उसे देख कर साफ कहा जा सकता है कि हिमालय की कंदराओं से निकल कर देश ही नही विदेशों तक में अपना एक अलग प्रभाव डालने वाला योग इस वक्त सबसे बड़ा रोजगार का प्लेटफार्म बन गया है। ये बात पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कही उन्होने कहा कि बीते 3 सालों में पूरी दुनियां में योग के कई इस्टीट्यूट खुले हैं। जहां योग के शिक्षकों की मांग बढ़ी है। इस एक रोजगार के तौर पर उभर रहा है।

जो कि विश्व को भारत की दी हुई एक अनमोल विरासत है। लोग पहले योग को अपने अपने तरीकों से करते थे लेकिन आज की तारीख में योग में कुछ वैज्ञानिक बदलाव आये है। जिसके बाद अब यूनेस्को ने भारत के योग को मानव संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से के रुप में मान्यता दी है।

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