ईरान द्वारा पिछले हफ्ते बलिस्टिक मिसाइल के टेस्ट को लेकर अमेरिका की ओर से लगाए गये प्रतिबंधों के बावजूद उसके तेवर आक्रामक बने हुए हैं। ईरान ने चुनौती देते हुए कहा है कि वह रेवोल्यूशनरी गार्ड के युद्धाभ्यास के लिए मिसाइलों को तैनात करेगा। रेवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़ी वेबसाइट पर बताया गया है कि उत्तरपूर्वी सेमनान प्रांत में युद्धाभ्यास का मकसद ‘खतरों से निपटने के लिए पूरी तैयारी’’ प्रदर्शित करने के लिए और अमेरिका की ओर से लगाए गए ‘अपमानजनक प्रतिबंधों’ के खिलाफ है। वहीं, रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर ने शनिवार को कहा कि ईरान की सुरक्षा अगर खतरे में पड़ी तो वह दुश्मनों के खिलाफ अपने मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा।
वेबसाइट ने कहा, ‘इस अभ्यास में स्वदेश निर्मित विभिन्न तरह के रेडार और मिसाइल सिस्टम, नियंत्रण केंद्रों और साइबर युद्ध तंत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा।’ बाद में वेबसाइट ने तैनात की जाने वाली मिसाइलों की सूची प्रकाशित की, जो 75 किलोमीटर तक की कम दूरी वाली मिसाइलें हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मध्यम दूरी की बलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण और यमन के विद्रोहियों को समर्थन देने को लेकर शुक्रवार को ईरान पर नए प्रतिबंध लागू किए थे। वहीं, ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अमेरिका के नए कदमों के जवाब में ईरान इस क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों की मदद करने में उनकी भूमिका के लिए कुछ अमेरिकी लोगों और कंपनियों पर कानूनी सीमाएं लागू करेगा।’ इन लोगों के नामों की सूची बाद में प्रकाशित की जाएगी।
‘गरजती मिसाइलों से देंगे जवाब’
ब्रिगेडियर जनरल आमिर अली हाजीजादेह के हवाले से तसनीम न्यूज एजेंसी ने बताया, ‘हम ईरान की सुरक्षा के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। अगर हम दुश्मनों को जरा भी गलत कदम उठाते देखेंगे तो हमारी गरजती मिसाइलें उनके ऊपर बरसेंगी।’ बता दें कि ईरान के मिसाइल परीक्षण के बाद उसके खिलाफ अमेरिका की ओर से लगाए गए ताजा प्रतिबंधों के बीच रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि ईरान आतंकवाद प्रायोजित करने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश है।