भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ की उम्मीद को तगड़ा झटका लगा है. फरवरी में आईआईपी ग्रोथ की रफ्तार उम्मीद से बेहद खराब दर्ज हुई है. जहां अर्थशाष्त्रियों को उम्मीद थी कि फरवरी में आईआईपी ग्रोथ 1.8 फीसदी रह सकती है वहीं बुधवार आए आंकड़ों में यह घटकर -1.2 फीसदी रही. जनवरी के दौरान यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.
साल दर साल के आधार पर अप्रैल 2016 और फरवरी 2017 के दौरान आईआईपी ग्रोथ 2.6 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रही है. महीने दर महीने के आधार पर फरवरी में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.3 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी रही. वहीं फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 2.3 फीसदी से घटकर -2 फीसदी हो गई. पॉवर सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी से घटकर मात्र 0.3 फीसदी रह गई.
माह दर माह के आधार पर फरवरी में बेसिक गुड्स की ग्रोथ घटकर 2.4 फीसदी रह गई जबकि जनवरी में यह आंकड़े 5.3 फीसदी थी. वहीं फरवरी में कैपिटल गुड्स की ग्रोथ 10.7 फीसदी से घटकर -3.4 फीसदी हो गई. फरवरी में कंज्यूमर गुड्स की ग्रोथ -1 फीसदी से घटकर -5.6 फीसदी हो गई और कंज्यूमर ड्युरेबल्स की ग्रोथ 2.9 फीसदी से घटकर निगेटिव में -0.9 फीसदी मात्र रही.
रीटेल महंगाई (सीपीआई) दर में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है. मार्च में रीटेल महंगाई 3.81 फीसदी रही जबकि फरवरी में रीटेल महंगाई 3.65 फीसदी थी. हालांकि मार्च में खाने-पीने की चीजें सस्ती रहीं. सब्जियों की महंगाई फरवरी के -8.29 फीसदी के मुकाबले मार्च में -7.24 फीसदी रही. वहीं फलों की महंगाई दर फरवरी के 8.33 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 9.35 फीसदी हो गई.
वहीं मार्च में अनाजों की महंगाई फरवरी के 5.3 फीसदी के स्तर से मामुली बढ़त के साथ 5.38 फीसदी हो गई. हालांकि इस दौरान दूध की महंगाई फरवरी के 4.22 फीसदी के स्तर से बढ़कर मार्च में 4.69 फीसदी हो गई. वहीं दाल की महंगाई इस दौरान -9.02 फीसदी के स्तर से बढ़कर -12.42 फीसदी हो गई.