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Wednesday, January 15, 2025

आवश्यक वितरण व्यवस्था में हो रहे घोटाले से जनता हो रही बेहाल,सरकारी शिकंजे से कोटेदार हुए आंदोलित…….

कोटेदारों की हड़ताल को प्रशासन ने लिया संज्ञान,चार कोटेदार के खिलाफ हुई एफ आई आर,,,,

बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- आपूर्ति विभाग के कथित खाद्यान्न घोटाले को लेकर जिले के कोटेदारों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर सितम्बर माह में उठान नही की है और अपनी बिक्री के कमीशन की बढोत्तरी की मांग को लेकर वह हड़ताल पर चले गये जिसका खिमयाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।इस माह खाद्यान न मिल पाने की वजह से लोगों के चूल्हे उलटने लगे हैं लेकिन शासन और प्रशासन से लेकर इन भरष्ट कोटेदारों पर कोई असर पड़ता नजर नही आ रहा है।इस सम्बंध में जब जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोटेदारों की हड़ताल पूर्णतया अवैध है और इसके सम्बन्ध में विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए शहरी क्षेत्र के तीन कोटेदारों व ग्रामीण क्षेत्र नानपारा के एक कोटेदार तथा एक डाटा आपरेटर के विरुद्ध एफ आई आर लिखाई गयी है,वहीं इसका खामियाजा हजारों गरीब राशन कार्ड धारक परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि यदि ये कोटेदार शीघ्र ही लोगों को खाद्यान उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित नही करते हैं तो इनके विरुद्ध अन्य कार्यवाही भी सम्भव है। एफ आई आर वापसी की मांग को लेकर कोटेदारों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है । इस कारण सितम्बर माह में रियायती मूल्य पर मिलने वाला एक भी दाना खाद्यान्न गरीबों को नही मिल सका है । इसी के साथ यह भी पता चला है कि आपूर्ति कार्यालय में कार्य करने वाले डाटा आपरेटर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं,जिसका नतीजा यह निकला है कि पूर्ति कार्यालय में जहां आधार एवं अन्य सूचनाएं फीड करने का काम भी पूरी तरह ठप पड़ा है वहीं आपूर्ति विभाग एवं जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की आंखे बन्द होने के कारण गरीब राशन कार्ड धारक परिवार कोटेदार एवं आपूर्ति विभाग का चक्कर काट रहे हैं । जिन्हें पहले यह बताया गया था कि धैर्य रखें दस सितंबर से खाद्यान्न वितरण शुरू होगा । दस सितम्बर कौन कहे आज तेरह सितम्बर हो चुकी है कोटे की दुकानों पर ताले लटक रहे हैं और आपूर्ति विभाग के निरीक्षक और अधिकारी चैन की बंशी बजा रहे हैं । एक कोटेदार ने बताया कि यह हड़ताल आल इंडिया फेयर प्राइज शॉप डीलर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के आवाहन पर की जा रही है । उसने बताया कि आपूर्ति विभाग में अंधेरगर्दी व्याप्त है । ई पास मशीन का पूरा सिस्टम आपूर्ति विभाग के अफसरों के नियन्त्रण में है । गोदाम से खाद्यान्न की उठान स्टॉक रजिस्टर में खाद्यान्न की इंट्री तथा खाद्यान्न वितरण सभी कुछ अफसरों की निगरानी में होता है । कोटे की दुकानों का पासवर्ड और यूजर आई डी आपूर्ति निरीक्षकों तथा जिला पूर्ति अधिकारी के पास रहता है । कम्प्यूटर आपरेटर भी हर निरीक्षक के साथ तकनीकी रूप से सम्बद्ध रहता है । ऐसे में अफसरों की मिलीभगत के बिना खाद्यान्न घोटाला सम्भव ही नही है परन्तु आपूर्ति निरीक्षकों और आपूर्ति विभाग को बरी करते हुए कोटेदार एवं आपरेटर के विरुद्ध एकतरफा कार्यवाई पर आमादा है ।
कोटेदारों द्वारा की जा रही असंवैधानिक अनिश्चितकालीन हड़ताल का खामियाजा उन गरीब परिवारों को भुगतना पड़ रहा है जिन्हें सरकार दो रुपये किलो गेहूं तीन रुपये किलो चावल तथा रियायती मूल्य पर केरोसिन उपलब्ध कराती है । लगभग दो सप्ताह से चल रही हड़ताल के कारण गरीब परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है यदि यही स्थिति जारी रही तो गरीब परिवारों को कुपोषण की जद में आने से बचाया नही जा सकता।उल्लेखनीय है कि विभागीय सांठ गांठ से ये कोटेदार गरीब जनता के लिये उपलब्ध होने वाले अनाज में धानदल गर्दी करती हुए अपना तो तो बैंक बैलेंस बढ़ा रहे हैं लेकिन गरीब जनता के मुंह से उसका अनाज धीरे धीरे छिनता चला जा रहा है जिसकी कोई सुध बुध लेने वाला नही है।बहराइच में कोटा संचालन के मामले में भ्र्ष्टाचार चरम पर पहुंच गया है जहां न जाने कितने लोग अवैध रूप से कोटे की दुकानों का संचालन कर रहे हैं और विभाग उन्हें संरक्षण प्रदान कर उनके अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहा है।

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