नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच महिला विश्व कप 2017 के मुकाबले में पाकिस्तानी टीम बुरी तरह से पस्त हो गई। उनका जो हाल भारत के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर मैच में हुआ था, वही रविवार को भी हुआ। हमने आपको विश्व कप से ठीक पहले पुराने प्रदर्शन के आधार पर बताया था () कि एक भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान केे लिए खतरा बन सकती है और दिलचस्प बात ये रही कि हुआ भी वही।
– वाह एकता !
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस चर्चित मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरुआत तो अच्छी नहीं की क्योंकि सात रन पर पहला विकेट गिर गया लेकिन ओपनर पूनम (47) और विकेटकीपर बल्लेबाज सुष्मा शर्मा (33) की पारियों के दम पर भारत ने 50 ओवर में 9 विकेट पर 169 रन जरूर बना लिए। जवाब में उतरी पाकिस्तानी टीम किसी स्कूल की टीम जैसी नजर आई। पूरी पाकिस्तानी टीम 38.1 ओवर में महज 74 रन पर ही सिमट गई और भारत ने 95 रन से जीत दर्ज की। इस जीत का श्रेय 31 वर्षीय बाएं हाथ की भारतीय स्पिनर एकता बिष्ट को जाता है। एकता ने 10 ओवर में 2 मेडन करते हुए महज 18 रन लुटाए और 5 विकेट लिए।
– ऐसा पहली बार नहीं हुआ है
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम एकता बिष्ट के सामने पस्त हुई है। इसी साल फरवरी में विश्व कप क्वालीफायर मुकाबले में जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आए थे तब एकता ने ही पाकिस्तानी टीम को ढेर करने में अहम भूमिका अदा की थी। एकता ने उस मैच में अपने 10 ओवर में 7 मेडन फेंके जिस दौरान सिर्फ 8 रन लुटाते हुए 5 विकेट लिए थे। उस दिन एकता की शानदार गेंदबाजी के दम पर पाकिस्तान की टीम 67 रन पर सिमट गई थी और भारत ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल करते हुए 7 विकेट से जीत दर्ज की थी। महिला क्रिकेट विशेषज्ञ और लेखक सुनील कालरा का कहना है कि, ‘एकता को भारतीय महिला टीम की बिशन सिंह बेदी कहें तो गलत नहीं होगा। पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी की तरह एकता की गेंदें हवा में नीचे की ओर आती हैं और हल्के उछाल के साथ टर्न लेती हैं। वो एक विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं और अपनी गेंदों पर कैसे रनों के प्रवाह को रोका जाए वो अच्छी तरह जानती हैं।’
– उत्तराखंड की शान, भारतीय टीम की जान
एकता बिष्ट उत्तराखंड के अल्मोड़ा से ताल्लुक रखती हैं और हमने खासतौर पर उनके राज्य का जिक्र इसलिए भी किया क्योंकि वो इस राज्य से भारतीय टीम में शामिल होने वाली पहली खिलाड़ी हैं।
एकता ने बचपन में अपने साथियों के साथ प्लास्टिक की गेंद से खेलने की शुरुआत की और साधनों की कमी के बावजूद शीर्ष स्तर तक का सफर तय किया। साल 2006 तक एकता उत्तराखंड की तरफ से घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेरती रहीं लेकिन जब उत्तराखंड अपनी टीम बनाने में असक्षम दिखा तो उन्होंने उत्तर प्रदेश का रुख कर लिया। जिस साल भारत की पुरुष क्रिकेट टीम ने आइसीसी वनडे विश्व कप जीता था, उसी साल (2011) एकता ने भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाकर इतिहास रचा था। एकता धौनी जैसा बनना चाहती हैं। दरअसल, धौनी भी मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गांव से हैं और एकता चाहती हैं कि जैसे धौनी ने देश का नाम रोशन किया, वैसा वो भी करके दिखा सकें।