शहबाज़ अहमद न्यूज़ वन इंडिया नानपारा
यू पी में निकाय चुनाव 2017 में प्रदेश के लगभग राजनैतिक पार्टियों द्वारा पार्टी लेबल पर चुनाव लड़ने की कार्य योजना को लागू करने से पार्टी में भीतर घात और विरोधी सुर बजाने को हवा दी है जिसके नतीजे में ये बात पूरी तरह साफ दिखाई दी है कि पार्टी सिम्बल पर नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाओं के लिये टिकट बंटवारे में पार्टी के कट्टर समर्थक और कर्मठ कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करके उम्मीदवारों का चयन किया गया है जिससे असन्तुष्ट होकर अधिकांश कार्यकर्ता जो बरसों से पार्टी का झण्डा उठाकर नेताओं के आगे आगे चला करते थे और पार्टी के कार्यक्रमों में मिटिंगों के लिये दरी बिछाने में भी कोई गुरेज नही करते थे और आज जब उन्होंने निकाय चुनाव के टिकट के लिये अपनी दावेदारी पेश करने लगे तो वही पार्टी के आला पदाधिकारियों ने उनकी भावनाओं को दरकिनार करके ऐसे ऐसे लोगों को अपना प्रत्याशी बनाया दिया जिससे नाराज होकर इन समर्पित कार्यकर्ताओं के स्वर बागी हो गये,ये मामला अकेले बहराइच ही नही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में और सभी पार्टियों में देखने को मिला है।उसी क्रम में आज बहराइच के नानपारा कस्बे में नगर पालिका चुनाव के लिये टिकट बंटवारे से असन्तुष्ट होकर समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है।नानपारा नगर पालिका परिषद के प्रस्तावित चुनाव के लिये अध्यक्ष से लेकर सभासद पद तक के लिये पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से प्रभावित सपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल मोईद उर्फ राजू के समर्थन में उतरते हुए विधिवत तरीके से पूर्व कांग्रेसी विधायक वारिस अली के आवास पर आयोजित एक बैठक में कांग्रेस प्रत्याशियों का समर्थन करते हुए कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्था व्यक्त की है।इस मौके पर सपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से समाजसेवी शाहिद जमाल एडवोकेट,समीउद्दीन उर्फ़ मुन्ना मारिया,शौकत अली फैजी,राधेश्याम श्रीवास्तव,शिव कुमार रस्तोगी,रूप कुमार रस्तोगी,अब्दुल सलाम सभासद व मोबीन खां सभासद आदि लोग उपस्थित रहे।आज इस बैठक में उपस्थित बागी सपाइयों ने पार्टी पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने पैसे लेकर कल तक सपा और सपा सुप्रीमों को पानी पी पी कर गाली देने वाले लोगों को पार्टी में शामिल ही नही किया बल्कि उनको तुरन्त निकाय चुनाव के लिये टिकट भी प्रदान कर दिये जबकि पार्टी के वफादार कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर उन्हें बागी बनने पर मजबूर कर दिया है।उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनकी इस कार्य शैली से पार्टी बिखर सी गयी है जिसका खिमयाजा उन्हें आने वाले लोक सभा और विधान सभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।