नई दिल्ली , एजेंसी। नौकरी खोजना हमेशा से असहज कर देने वाला काम रहा है लेकिन अगर आप 50 पार कर चुके हैं तो ये अनुभव ज्यादा खराब हो सकता है। मानव संसाधन विकास कंसल्टेंट अडेक्को ने 2014 में एक रिपोर्ट में पब्लिश की थी जिसके मुताबिक 55 साल की उम्र के बाद में नौकरी हासिल करना बहुत मुश्किल होता है। रिपोर्ट के अनुसार नौकरी के प्रस्तावों में केवल 0.5 फीसदी ही इस उम्र के लोग होते हैं। इनके बाद बारी आती है 45 से 54 वर्ष की उम्र के लोगों की जिनके लिए 6.1 फ़ीसदी जॉब ऑफर बचते हैं।
इसके अलावा कंसल्टेंट ली हेच हैरिसन का कहना है कि 50 पार कर गए लोगों के साथ एक बड़ी समस्या ये है कि लंबे समय तक काम करते रहने के दौरान वो नौकरी बदलने का हुनर नहीं सीख पाते। हालांकि कई नौजवानों को बायोडाटा बनाने और इंटरव्यू देने की आदत पड़ जाती है और यही काम कई दूसरे बुज़ुर्ग हो रहे बेरोजगारों के लिए मुसीबत बन जाता है। इसलिए एम्प्लॉयर को ये समझाना कि नौकरी के लिए आप सबसे बेहतर व्यक्ति हैं और आपका अनुभव ही आपकी पूंजी है जरूरी हो जाता है। इस लिहाज से पांच बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए।
दिखाइए कि आपको सीखना पसंद है
नौकरी के लिए भर्ती करते समय ज्यादा नियोक्ता ये समझते हैं कि उम्रदराज हो रहे लोग ज्यादा दबाव नहीं सह पाते और नई चीजें सीखने की उनकी चाहत कम हो जाती है। इसलिए इंटरव्यू देते वक्त आपको साफ तौर पर ये कहने की जरूरत है कि आप अभी चूके नहीं हैं। आप ये दिखाइए कि आप सीखते रहना चाहते हैं और आप अपना सबसे बेहतरीन आउटपुट देंगे। एम्प्लॉयर को ये बताइए कि आप शिखर पर अभी नहीं पहुंचे हैं बल्कि अभी चढ़ाई जारी है।
पहले से बनी धारणाओं से हतोत्साहित न हों
यकीनन वो उम्रदराज हो गया है और उसे पता नहीं कि कम्प्यूटर कैसे ऑपरेट किया जाता है’, ‘आखिरकार पांच सालों में वो रिटायर हो जाएगा’, ‘वो नई चीजें नहीं सीखना चाहता, पुराने लोग कम लचीले होते हैं।’ मुमकिन है कि आप ऐसी बातें सुनते रहे हों लेकिन इस तरह की आम धारणाओं को तोड़ने की जरूरत है। हतोत्साहित न हों। आपको ये दिखाने की जरूरत है कि आपमें सीखने की चाहत एक 20 साल के नौजवान की तरह ही है। अगर आप खुद पर भरोसा नहीं करते तो कोई और आप पर कैसे भरोसा करेगा।
ऐसी कंपनियों की तलाश करें जो आपको सूट करे
इस बात को लेकर स्पष्ट रहें कि आप कहां काम करना चाहते हैं और ये उतना ही महत्वपूर्ण है जितना सही नौकरी की तलाश। शुरुआत कर रहे लोगों के लिए छोटी कंपनियों में नौकरी की तलाश बेहतर मानी जाती है। उनके पास नौकरी के विज्ञापन देने और भर्ती के बजट का अभाव रहता है और बहुत-सी कंपनियों में तो ह्यूमन रिसोर्स जैसा कोई डिपार्टमेंट ही नहीं होता है। दूसरी तरफ बड़ी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा ज्यादा रहती है। ऐसी कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए जो बुज़ुर्ग लोगों के लिए प्रोडक्ट बनाती हों या फिर उन्हें सर्विस देती हों। ऐसे नियोक्ता आम तौर पर अनुभवी लोगों को तरजीह देते हैं।