गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि उसे 21 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है और 40 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए वह मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस 16 विधायकों के साथ तटवर्ती राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। गौरतलब है कि वह प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पहले ही पेश कर चुकी है।
विपक्षी दल ने यह दावा ऐसे वक्त में किया है, जब मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्नाशय संबंधी बीमारी के कारण दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चन्द्रकांत कावलेकर ने पीटीआई को बताया कि गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को पर्याप्त समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पर्याप्त संख्या है। मैं आपको यह नहीं बताऊंगा कि किसके साथ बातचीत चल रही है। हमें 21 विधायकों की जरूरत है और हमारे पास उससे ज्यादा हैं।’’
कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से भेंट कर भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार का विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने और उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहने का अनुरोध किया। कावलेकर ने कहा कि पार्टी को राज्यपाल के जवाब का इंतजार है। उन्होंने तीन-चार दिन में जवाब देने की बात कही थी।
राज्य में भाजपा नीत गठबंधन सरकार में गोवा फॉरवार्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और निर्देलीय विधायक शामिल हैं। विधानसभा में भाजपा के 14 विधायक हैं, जबकि जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन और राकांपा का एक विधायक है। तीन निर्दलीय विधायक भी हैं।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कांग्रेस की पहल से सत्ता हथियाने की उसकी बेचैनी झलकती है। उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा था कि मुख्यमंत्री बीमार हैं। अन्यथा वह काम से अलग नहीं रहते। कांग्रेस को मुख्यमंत्री की बीमारी में अवसर दिखता है। यह दिखाता है कि बेचैनी (कांग्रेस के अंदर) का स्तर कितना है। वाकई मुझे इससे दुख होता है।