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Wednesday, January 15, 2025

तो अब ये मान लिया जाए कि यूपी में…

दीपक ठाकुर:NOI।

उत्तर प्रदेश में लगता है कि अब आरोपियों के अच्छे दिन आ जाएंगे,जैसा उन्नाव की घटना बता रही है।उन्नाव में हुए गैंग रेप का मामला आज पूरे देश को पता चल चुका है हर शक्स ये जानता है कि पीड़िता बार बार किसपर उंगली उठा रही है और तो और उसके पिता की जेल में जान जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश शासन प्रशासन विधायक का साथ देता ही नज़र आ रहा है।

गैंग रेप की पीड़िता के पिता की हत्या के बाद जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो लगा शायद अब विधायक साहब को गिरफ्त में लिया जाएगा और इस बात के संकेत भी मिलने लगे थे कि या तो विधायक जी का सरेंडर होगा या उनको पुलिस गिरफ्तार करेगी।देर रात तक यही नाटक चलता रहा विधायक जी छाती ठोक कर मीडिया के सामने भी आये ये भी कहा कि वो निर्दोष है और अगर शासन कहेगा तो वो गिरफ्तारी भी दे देंगे।

लेकिन उत्तर प्रदेश शासन में ना जाने ऐसी कौन सी गोद है जिसपर विधायक जी बैठ कर सबको छकाने का काम कर रहे हैं ये बात जाहिर हुई भाजपा के नेता आईपी सिंह के एक ट्वीट से जिसमे उन्होंने लिखा है कि योगी जी ने विधायक की गिरफ्तारी के साथ साथ उन्नाव के एसपी को भी हटाये जाने की बात तय कर दी थी लेकिन आखरी वक़्त पर फोन आया और सारी बात धरी की धरी रह गई।ज़ाहिर है फोन किसी बड़े व्यक्ति का ही होगा जिसकी योगी जी भी मानते हो लेकिन विधायक पर इतना मेहरबान कौन और क्यों है ये बात पल्ले नही पड़ रही जब एक नेता के चक्कर मे पूरी पार्टी की छवि पर दाग लग रहा हो।

खैर गिरफ्तारी ना हो कर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नामजद एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया और उनपर संगीन धाराओं पर मामला दर्ज भी हो गया फिर भी गिरफ्तारी नही की जा सकी।

पीड़ित परिवार लगातार गिरफ्तारी की मांग कर रहा है उसका हाल ऐसा है कि पूछिये मत वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश शासन और पुलिस मीडिया के सामने आ कर ये कह रहा है कि अब मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया है तो गिरफ्तारी पर फैसला भी वही करेगी।उनका तो यहां तक कहना था कि सिर्फ आरोप लगा है साबित नही हुआ और जब तक साबित ना हो तब तक गिरफ्तारी कैसे की जा सकती है।

इसी मामले पर कोर्ट भी काफी सख्त दिखाई दे रही है इलाहाबाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से दो टूक शब्दों में ये पूछा है कि गिरफ्तारी होगी भी या नही जिसपर भी सरकार बात को घुमाने का प्रयास कर रही है बावजूद इसके की कोर्ट का सम्मान हो और उसकी बात पर अमल किया जाए।अब समझ ये नही आता कि भाजपा को एक विधायक से ऐसा क्या लगाव है जिसके चलते वो सवालों के घेरे में खुदबखुद आ गई है।आखिर क्यों वो प्रदेश की जनता और पीड़ित की मांग को अनसुना कर रही है सोशल मीडिया पर सरकार की हो रही किरकिरी से तो यही लगता है कि जनता इस मुद्दे पर पीड़िता के साथ ही खड़ी है।और रही बात बिना साबित हुए गिरफ्तारी ना करने के तो कोई ये बतायेगा के विधायक के भाई और उनके साथियों को क्यों गिरफ्तार कर लिया गया क्या उनपर लगे आरोप साबित हो चुके थे।

बात वैसे तो इतनी पेचीदा नही लगती जितनी बनाई जा रही है अब इसमें सरकार का क्या फायदा है ये वही जाने पर यहाँ तो यही लगता है कि इस वक़्त भाजपा और सपा एक ही विचारधारा की पार्टी है जैसे सपा गायत्री प्रसाद प्रजापति को सरक्षित रखने के चक्कर मे यूपी हार गई वैसी ही स्थित भाजपा की बनती दिखाई दे रही है यहां भी सबकी बात को अनसुना कर अपना सिपाही सेफ किये जाने की योजना बनाई जा रही है भले इसका परिणाम जो भी हो।ऐसी पार्टी ऐसी एकता कम ही दिखाई पड़ती है।

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