ब्राजीलिया। ब्राजील की पहली महिला प्रेसिडेंट 68 साल की दिल्मा रूसेफ की 13 साल की लेफ्ट सरकार खत्म हो गई। उन पर इम्पीचमेंट चलाया जा रहा था। बुधवार को सीनेट में उनके खिलाफ वोटिंग हुई। इसके साथ ही उन्हें प्रेसिडेंट पोस्ट से हटा दिया गया। रूसेफ को 81 में से 61 सीनेटर्स ने नेशनल बजट में घोटाला करने का दोषी बताया, जबकि 20 ने उनके पक्ष में मतदान किया।
बजट कानून तोड़ने के कारण राष्ट्रपति महाभियोग प्रक्रिया का सामना कर रही थी और देश राजनीतिक ध्रुवीकरण में फंसा हुआ था। रोसेफ ने सार्वजनिक खर्च को बल देने के लिए गैरकानूनी रूप से सरकारी बैंक से धन का इस्तेमाल किया था। लातिन अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सत्ता 13 वर्षों से वामपंथी वर्कर्स पार्टी के हाथों में थी। रोसेफ के हटते ही इस पार्टी के शासन का अंत हो गया।
रोसेफ के हटने के बाद कंजरवेटिव मिशेल टेमर अब राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। मई में रोसेफ के निलंबित होने के बाद से ही पूर्व उपराष्ट्रपति टेमर देश की बागडोर संभाल रहे हैं। वे इस पद पर 2018 तक रहेंगे। दिल्मा रूसेफ का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि महाभियोग का लक्ष्य देश के पूंजीपतियों के हितों का संरक्षण और ब्राजील के गरीब लोगों के लिए चलाए जा रहे सामाजिक कार्यक्रमों को बंद करना है। इन सामाजिक कार्यक्रमों से ही पिछले दशक के दौरान लाखों गरीब गरीबी से उबर सके।
राउसेफ के केस की सुनवाई की अध्यक्षता करने वाले मुख्य न्यायाधीश रिकाडरे लेवांडोव्सकी ने कहा, ‘‘सीनेट ने पाया कि ब्राजील के संघीय गणतंत्र की राष्ट्रपति दिल्मा वाना राउसेफ ने वित्तीय कानूनों का उल्लंघन कर अपराध किया है।’’ उधर राउसेफ ने उन्हें उनके पद से हटाने के लिए किए गए मतदान को संसदीय तख्तापलट करार दिया और उन्होंने अपनी वर्कर्स पार्टी के साथ वापसी का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने राष्ट्रपति के जनादेश में बाधा डालने का फैसला किया है जिन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने एक निर्दोष इंसान को दोषी ठहराया है और संसदीय तख्तापलट किया है।’’