नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच में राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार में भगवा झंडा फहराने की प्रबल संभावना के बाद देश के करीब पचास फीसदी में हिस्से में भारतीय जनता पार्टी या उसके सहयोगियों की सरकार रहेगी। यानि, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल 31 विधानसभा सीटों में पन्द्रह सीटों पर या तो भाजपा या फिर उसके समर्थन से सरकार बनी होगी।
अब आईये सिलसिलेवाल तरीके से आपको पहले उन राज्यों के बारे में बताते हैं जहां पर भाजपा अपनी बदौलत वहां की सत्ता में है या फिर वहां पर भाजपा की सरकार बनेगी। ये राज्य हैं-
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम,उत्तराखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड,राजस्थान और मणिपुर। मणिपुर और गोवा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के बावजूद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां पर अपनी सरकार बनाने का दावा किया है। जबकि, वह राज्य जिसमें भाजपा के समर्थन से सरकार बनी है वो राज्य हैं- जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश औरनागालैंड।
असम में पहलीबार खुला भाजपा का खाता
इन आंकड़ों के देखने के बाद जाहिर होता है जिस तेजी के साथ केन्द्र में मोदी की सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी का फैलाव हो रहा उसने विरोधी दलों के लिए चिंताएं बढ़ाकर रख दी है। वह चाहे कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां हो या फिर अन्य क्षेत्रीय पार्टियां। इससे पहले, पूर्वोत्तर में सरकार बनाने की दिशा में भाजपा को अहम कामयाबी असम में मिली थी, जहां पहली बार पूर्वोत्तर में कमल खिला और सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।
उसके बाद उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में कमल का इस तरह ऐतिहासिक बहुमत के साथ सरकार बनना ना सिर्फ मोदी लहर की ओर इशारा कर रहा है बल्कि इसके बाद यह साफ हो गया है आनेवाले दिनों में अगर रणनीति यूं ही कारगर रहती है तो भाजपा देश के कई राज्यों आनेवाले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर अपना दस्तक दे सकती है।
हिमाचल और गुजरात में आक्रामक होगी भाजपा की रणनीति
ऐसा माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में आत्मविश्वास से लबालब और मोदी की लहर के साथ भाजपा वहां पर चुनावी मैदान में उतर सकती है।