सीतापुर-अनूप पाण्डेय ,राकेश पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के हरगांव लखीमपुर से हरगांव वापस आने हेतु यात्रियों को परिचालकों की मनमानी के कारण परिवहन निगम की बस में से उतर कर डग्गामार वाहनों की शरण में जाने हेतु मजबूर होना पड़ता है।
दिनांक 14 -07-2018 को समय लगभग शाम 6:30 बजे परिवहन निगम की बस संख्या यू पी 31टी 8773 लखीमपुर डिपो पर खड़ी हुई थी, उक्त बस का परिचालक लखनऊ व लखीमपुर की सवारियों को आवाज दे रहा था। इस बीच उस बस में कुछ सवारियां आ कर हरगांव की बैठ गयीं । कुछ समय बाद परिचालक बस में चढ़ा और उसने कहा यदि सीतापुर के बीच की कोई सवारी बैठी हो तो बस के नीचे उतर जाये ।
परिचालक के कहने पर लखीमपुर से हरगांव आने हेतु बस में बैठी महिला यात्री श्रीमती सरोज मिश्रा श्रीमती उषा देवी ने पूछा कि क्या हर गांव में इस बस का स्टॉपेज नहीं है । इस पर चालक ने जवाब दिया सरकार द्वारा इस बस का स्टाप हरगांव में निर्धारित है लेकिन विभाग द्वारा निर्धारित स्टाप के अतिरिक्त चालक व परिचालक स्वयं स्टाप बनाते हैं।
परिचालक के इस कथन पर जब इस संवाददाता ने परिचालक से वार्ता की तो परिचालक ने कहा है कि हमें विभाग से निर्देश हैं सबसे पहले बस में लखनऊ की सवारियां बिठाओ यदि लखनऊ की सवारियों से बस की सीटें पूरी नहीं होती हैं, तो फिर सीतापुर की सवारियां बिठाओ उसके बाद जगह होने की दशा में हरगांव आदि की सवारियां बैठाई जांय ।
इसके बाद जब इस संवाददाता ने केंद्र प्रभारी से वार्ता की तो केंद्र प्रभारी ने कहा कि बस का हरगांव में स्टाप है पहले सीतापुर के सवारियों को बैठ जाने दीजिए उसके बाद हर गांव की सवारियां धीरे से बैठ जाए। वैसे अभी सीतापुर डिपो की बस आ रही होगी उसमें हरगांव की सवारियां आराम से बैठ जायें।
केंद्र प्रभारी से वार्ता करके जब वापस आया गया तब तक बस संख्या यूपी 31टी 8773 से हरगांव की सवारियां उतरकर डग्गामार वाहनों की शरण में जा चुकी थी। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि डग्गामार वाहनों की तलाश में बाईपास पर हरगांव आने हेतु वाहन की तलाश में खडी हरगांव की सवारियों को फिर उसी बस में बिठाल लिया गया जिस बस से उन्हें बस स्टेन्ड पर उतारा गया था । मजबूरन उसी बस में उन्हें खडे खडे होकर हरगांव तक आना पडा।
अब प्रश्न यह उठता है , कि यदि हरगांव में स्टापेज था तो सवारियों को बस से नीचे क्यों उतारा गया । वर्तमान में रेल भी नहीं चल रही है ऐसे में लखीमपुर बस स्टॉप पर हरगांव ओयल आदि की सवारियों की भीड होना लाजमी है फिर हरगांव ओयल आदि की सवारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार कहां तक उचित है।
चालक व परिचालक के रवैये के कारण परिवहन निगम की आय को तो पलीता लगना स्वाभाविक है साथ ही सवारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हरगांव के निवासियों ने परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक से इस ओर ध्यान देने व इस बस के परिचालक के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।